--राजीव रंजन नाग,
नई दिल्ली, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
खालिस्तान समर्थक और संगठन “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मिल रही जानकारी के अनुसार अमृतपाल को जालंधर के नकोदर से गिरफ्तार किया गया है। पंजाब के सभी जिलों में रविवार दोपहर 12 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
पिछले दिनों अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर अपने समर्थकों के साथ उपद्रव कर चर्चा में आए अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस के रडार पर थे। इससे पहले शनिवार को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के 6 साथियों को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी को जालंधर के मैहतपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि यह सभी अमृतपाल के साथ मोगा जा रहे थे।
'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के कुछ समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो साझा कर दावा किया कि पुलिसकर्मी उनका पीछा कर रहे हैं। एक वीडियो में अमृतपाल को एक वाहन में बैठे हुए भी देखा जा सकता है और उसके एक सहयोगी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मी 'भाई साहब' (अमृतपाल) के पीछे पड़े हैं।
एक अन्य समर्थक ने वीडियो साझा कर दावा कर रहा है कि पुलिसकर्मी उसका पीछा कर रहे हैं। पिछले महीने अमृतपाल और उसके समर्थक तलवारें और पिस्तौल लहराते हुए अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाने में घुस गए थे। इस दौरान, अमृतपाल के एक करीबी को छुड़ाने के लिए उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई थी।
स्वयंभू कट्टरपंथी सिख उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने नाटकीय ढंग से पीछा करने के बाद गिरफ्तार किया है। राज्य पुलिस की एक विशेष टीम, जिसमें सात जिलों के कर्मी शामिल थे, ने अलगाववादी नेता के काफिले का पीछा किया था, जब वह जालंधर की शाहकोट तहसील जा रहे थे। पूरे राज्य में इंटरनेट बंद कर दिया गया क्योंकि अमृतपाल के सहयोगियों ने समर्थकों से शाहकोट पहुंचने की अपील करते हुए उन्मादी वीडियो प्रसारित करना शुरू कर दिया।
गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए अमृतसर जिले में अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खैरा के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने गांव को सील कर दिया है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए जी-20 कार्यक्रम के खत्म होने का इंतजार किया। अमृतपाल "वारिस पंजाब दे" का नेतृत्व करता है, जो अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा शुरू किया गया एक कट्टरपंथी संगठन है। दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
पुलिस ने सभी सड़कों को बंद कर दिया था और शाहकोट में बड़े पैमाने पर बैरिकेड्स लगा दिए थे क्योंकि उनके पास अमृतपाल सिंह की यात्रा की पूर्व सूचना थी। कट्टरपंथी अलगाववादी नेता, जो कुछ वर्षों से पंजाब में सक्रिय हैं, अक्सर सशस्त्र समर्थकों द्वारा अनुरक्षित देखे जाते हैं। अमृतपाल सिंह 23 फरवरी को अपने प्रमुख सहयोगी के अपहरण के आरोपी लवप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध के केंद्र में था। उनके समर्थकों में कुछ ने तलवारें और बंदूकें लहराईं, बैरिकेड्स तोड़ दिए और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला में एक पुलिस थाने में घुस गए थे। पुलिस से यह आश्वासन लिया कि लवप्रीत सिंह को रिहा कर दिया जाएगा। बाद में उन्होंने हिंसा के लिए पंजाब पुलिस को जिम्मेदार ठहराया था।
इस झड़प में पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस ने अभी तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि हिंसा के लिए अमृतपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी या नहीं। आज पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि जो व्यक्ति "खालिस्तान के लिए हथियार उठाने की बात करता था, वह आज पुलिस से डरकर भाग रहा है"। "सिख कभी भागता है क्या? हिम्मत होती तो पुलिस का सामना कर लेता। गली में गीदड़ बनकर दौड़ रहा है। मैं पहले भी कहता था कि हमारे बच्चों को मरवाने आया है।" वह (खुफिया) एजेंसियों का आदमी है। राज्य में विपक्षी दलों की आलोचना का सामना कर रहे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी को भी मुश्किल से बनी शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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