बंगाल में घोटालों का खेल बहुत बड़े पैमाने पर हुआ है



--परमानंद पांडेय,
अध्यक्ष - अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास,
राष्ट्रीय संयोजक - मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच, उत्तर भारत।

बंगाल में घोटालों का खेल बहुत बड़े पैमाने पर हुआ है। यह खेल 2012 से चल रहा था। उजागर तो तब हुआ जब एक छात्रा ने हाई कोर्ट में याचिका लगायी जिसमें उक्त छात्रा ने स्पष्ट किया कि योग्यता के क्रम में शिक्षक पद पर उसकी नियुक्ति होनी थी किन्तु उसके स्थान पर एक मंत्री की बेटी की नियुक्ति की गई।

हाई कोर्ट को समझ में अब आया कि बड़ा गोलमाल है। तब हाई कोर्ट ने एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया। समिति ने सब कुछ गंभीरता से समझ लिया है। जांच समिति की रिपोर्ट हाई कोर्ट को मिली तो हाई कोर्ट ने निर्णय लिया कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करायी जाए।

वैसे भी बंगाल सरकार के खिलाफ जो भी मामले आ रहे हैं उन सभी की जांच हाई कोर्ट सीबीआई से ही करवा रही है। हाई कोर्ट को बंगाल की सरकार पर विश्वास हो नहीं पा रहा है।

सीबीआई ने जांच के क्रम मे ईडी की जांच भी आवश्यक समझी। बस ईडी आ गयी सामने। बंगाल के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के घर छापामारी हुई। उनके महिला मित्र अर्पिता चटर्जी के घर में भी छपामारी हुई और उनके यहां से 61 करोड़ रुपयों से अधिक बरामद हुए।

पार्थ ममता के सबसे करीबी मंत्री हैं। उन्होंने बीमारी का बहाना बनाया तो हाई कोर्ट ने उन्हें सरकारी अस्पताल भुवनेश्वसर एम्स भेज दिया। जांच के बाद अस्पताल ने कहा कि कोई गंभीर मामला नहीं है और पार्थ को कोलकाता वापस कर दिया। वे अभी ईडी के कस्टडी में हैं।

छपामारी के क्रम में पार्थ चैटर्जी ओर उनकी मित्र अर्पिता चटर्जी के घर से चौकाने वाले कागजजात मिल रहे हैं। किसने किसकी पैरवी की, किसको कितना नम्बर आया, और कितना फसाया गया, किसके कितने पैसे मिले, कितना नम्बर औऱ बढ़वाने से उसे नियुक्त किया जा सकेगा, ये सारी बातें विस्तृत रूप में लिखी मिली हैं।

बंगाल का यह शिक्षक भर्ती घोटाला अपने किस्म का देश के अन्दर का आश्चर्यजनक घोटाला है। 2012 से चल रहा था अब जाकर पता चला है।

ममता कहती हैं जो गलती किया है उसे दंडित किया जाए। उन्होंने कहा कि उसे आजन्म कारावास में रखा जाए। किन्तु बात मुख्यमंत्रो तक पंहुचेगी ही। इतना बड़ा घोटाला, वह भी बंगाल में। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री को नहीं होगी यह तो विश्वास किया ही नहीं जा सकता है।

मुख्यमंत्री बहुत दिनों से चुप हैं। अब समझ में बहुत कुछ आ रहा है। पूरी सरकार और पूरी टीएमसी ही फंसती नजर आ रही है।

विधानसभा के पिछले चुनाव के समय बंगाल में हत्याए, बलात्कार की घटनाएं, पलायन, लूट पाट के मामलों में हिन्दुओं के साथ जबरदस्त जघन्य पाप हुआ। गुंडों को दंड तो मिलेगा ही। ईश्वर तो है न!

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