टीकाकरण पर भ्रम निराधार



नई दिल्ली,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

इस वर्ष 16 जनवरी से ही केंद्र सरकार “समग्र सरकारी तंत्र” के तहत कारगर टीकाकरण अभियान के लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का समर्थन करती आ रही है। वैक्सीन की खुराकों की उपलब्धता दुरुस्त करने के लिये, केंद्र सरकार लगातार वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में है और उसने एक मई, 2021 से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिये वैक्सीन की खरीद के भिन्न-भिन्न विकल्प भी खोल दिये हैं।

मीडिया में कुछ ऐसी बेबुनियाद खबरें आई हैं कि कोविड का टीका लगवाने के बाद प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा है। ये खबरें गलत और सच्चाई से परे हैं, जो पूरी जानकारी न होने के कारण पेश की गई हैं।

कोविन प्लेटफार्म ऑनलाइन और मौके पर पंजीकरण की सुविधा देता है। उसके जरिये निर्धारित समय-तारीख को बदला जा सकता है तथा उसमें कोविड-19 टीकाकरण के दौरान लाभार्थी को प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया भी शामिल है।

लाभार्थी चाहे कोविन के जरिये ऑनलाइन पंजीकरण कराये या मौके पर जाकर, अहम बात यह है कि लाभार्थी को टीका लगाने के बाद उसकी जानकारी कोविन पर उसी दिन अपडेट कर दी जाये, जिस दिन लाभार्थी को टीका लगाया गया। अगर उसी दिन स्थिति को अपडेट करना संभव नहीं हो पाता, तो उस सत्र की डाटा-एंट्री कोविन पोर्टल पर अगले दिन शाम के पांच बजे तक की जा सकती है। इस तरह अगले दिन भी टीकाकरण के बारे में डाटा-एंट्री करने का विकल्प है। यह सुविधा इसलिये दी गई है, ताकि टीकाकरण के आंकड़ों के बैकलॉग की समस्या दूर हो सके।

कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र का वेबलिंक भी एसएमएस द्वारा लाभार्थी को दिया जा रहा है। लाभार्थी जब टीका लगवा लेगा और कोविन पोर्टल पर उसकी जानकारी चढ़ा दी जायेगी, तो उसके बाद उसे एसएमएस द्वारा प्रमाणपत्र की सूचना भेज दी जायेगी।

केंद्र सरकार समय-समय पर सलाह जारी करती रही है कि टीकाकरण प्रमाणपत्र सभी लाभार्थियों को उसी दिन दे दिया जाये। टीकाकरण केंद्र से वापसी के पहले लाभार्थी को प्रमाणपत्र मिल जाना चाहिये।

कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र को कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु/उमंग मोबाइल ऐप से भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसे हर खुराक के बाद हासिल किया जा सकता है। पहली खुराक के बाद अस्थायी प्रमाणपत्र और दूसरी खुराक के बाद अंतिम प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है।

यह संभव है कि लाभार्थी के टीकाकरण की स्थिति को, टीका लगाने वाले व्यक्ति द्वारा उसी दिन अपडेट न किया गया हो। इसके कारण लाभार्थी को कोविन प्रणाली पर टीकाकरण प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। इसका निराकरण करने के लिये कोविन प्रणाली पर जल्द इससे सम्बंधित फीचर उपलब्ध हो जायेगा, ताकि ऐसी गलती न हो। बहरहाल, नागरिकों को भी सलाह दी जाती है कि वे वैक्सीन की खुराक लेने के बाद एसएमएस द्वारा उसकी पुष्टि के लिये सजग रहें। पुष्टि होने का मतलब है कि टीका लगाने वाले व्यक्ति ने लाभार्थी की जानकारी अपडेट कर दी है। लोगों को यह सलाह भी दी जाती है कि वे प्रमाणपत्र के लिये जो लिंक एसएमएस में दिया गया है, उसकी भी जांच कर लें या कोविन पोर्टल पर लॉग-इन करके देख लें। अगर प्रमाणपत्र में कोई त्रुटि नजर आये, तो फौरन टीकाकरण करने वाले व्यक्ति को बतायें। वह उस गलती को ठीक कर देगा।

https://www.indiainside.org/post.php?id=8174