अजीनोमोटो : दिमाग को पागल करने का मसाला



नई दिल्ली,
इंडिया इनसाइड न्यूज़।

● शादी-ब्याह दावतों में भूल कर भी हलवाई को लाकर ना देवें

● भारत में अजीनोमोटो पर प्रतिबंधित क्यों नहीं ?

आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में मोनो सोडियम ग्लुटामेट (एमएसजी) नामक रसायन जिसे दुनिया अजीनोमोटो के नाम से जानती है, का प्रयोग बहुत बढ़ गया है, बिना यह जाने कि ये वास्तव में क्या है ?

अजीनोमोटो नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है। यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है। जिससें सड़ा- गला या बेस्वाद खाना भी अच्छा महसूस होता है।

इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच न्यूरोंस का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं।

■ चिकित्सकों के अनुसार अजीनोमोटो के प्रयोग से

• एलर्जी,
• पेट में अफारा
• सिरदर्द
• सीने में जलन
• बाॅडीे टिश्यूज में सूजन
• माइग्रेन आदि हो सकते है।

अजीनोमोटो से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम कहा जाता है।

दीर्घकाल में मस्तिष्काघात हो सकता है जिसकी वजह से लकवा होता है।

अमेरिका आदि बहुत से देशों में अजीनोमोटो पर प्रतिबंध है।

न जाने फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी ऑफ इंडिया’ ने भारत में अजीनोमोटो को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है ?

दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे अजीनोमोटो लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा, फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें। कुछ भी हो पर दावत खाने वाले आपके प्रियजन ही तो होते हैं, जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को अजीनोमोटो के बिना भी खाने में,.चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें।

अजीनोमोटो तो हलवाई की अयोग्यता को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके दिमाग को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।

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