इस्‍पात मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के इस्‍पात संयंत्रों में ‘उत्‍कृष्‍ट संयंत्र’ का चयन करेगा



☆ इस्‍पात क्षेत्र के पीएसयू समयबद्ध ढंग से समस्‍त एसपीवी एवं संयुक्‍त उद्यमों को अंतिम रूप दें और कार्यान्वित करें

☆ सभी इस्‍पात संयंत्र प्रदर्शन एवं गुणवत्‍ता के अंतर्राष्‍ट्रीय मानक हासिल करने का लक्ष्‍य अवश्‍य निर्धारित करें

चंडीगढ़, 16 अक्टूबर। केन्‍द्रीय इस्‍पात मंत्री बीरेन्‍द्र सिंह की अध्‍यक्षता में इस्‍पात उद्योग के हितधारकों के साथ आज चंडीगढ़ में आयोजित विचार मंथन अधिवेशन के दौरान सुझावों के मुक्‍त प्रवाह के साथ-साथ विचारों का आदान-प्रदान भी हुआ। बीरेन्‍द्र सिंह ने इस्‍पात मंत्रालय के अधीनस्‍थ सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) को समयबद्ध ढंग से समस्‍त एसपीवी (विशेष उद्देश्‍य वाहन) और संयुक्‍त उद्यमों को अंतिम रूप देने एवं उनके कार्यान्‍वयन का निर्देश दिया। बीरेन्‍द्र सिंह ने उन सभी इकाइयों की क्षमता वृद्धि के कार्य भी तय समयसीमा में पूरी गंभीरता एवं प्रतिबद्धता के साथ पूरे करने का निर्देश दिया जिनका आधुनिकीकरण पहले ही हो चुका है। उन्होंने कहा कि प्रत्‍येक संयंत्र एवं इकाई में उत्‍कृष्‍टता की पूरी गुंजाइश है जिसकी पुनरावृत्ति करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही समूचे इस्पात संयंत्र को उत्कृष्टता की बानगी के रूप में तब्दील कर दिया जाना चाहिए। यह केवल तभी संभव हो पाएगा जब संयंत्र अपने उत्पादन एवं गुणवत्ता में अंतर्राष्ट्रीय मानक हासिल करने का लक्ष्य रखेगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए इस्पात मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय मानक बनाम समग्र प्रदर्शन के आधार पर आकलन करने के बाद एक ‘उत्कृष्ट संयंत्र’ की घोषणा करेगा। उन्होंने कहा कि वह खुद संयंत्र एवं इकाई स्तर पर प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे और मंत्रालय इनके उत्पादन संबंधी प्रदर्शन पर करीबी नजर रखेगा। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि किसी संयंत्र अथवा इकाई की स्थापना में लगने वाले ज्यादा समय एवं लागत वृद्धि की जवाबदेही अब से एक मानक के रूप में तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह की समीक्षा बैठकों में किसी भी वास्तविक कठिनाई एवं बाधा पर अवश्य ही प्रकाश डालना चाहिए ताकि उस दिशा में तेजी से आवश्यक कदम उठाए जा सकें। बीरेन्द्र सिंह ने हर कम्पनी में बोर्ड स्तर पर आवश्यक सामंजस्य एवं टीमवर्क की अहमियत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि समन्वय के अभाव, दूसरों पर हावी होने की आदत, समूहवाद, उदासीनता और बोर्ड स्तर पर सूक्ष्म दृष्टि से न केवल अल्प अवधि में कंपनी पर अत्यंत प्रतिकूल असर पड़ता है, बल्कि इस वजह से दीर्घकालिक हानिकारक नतीजे भी सामने आते हैं।

बैठक में इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव साई, इस्पात सचिव डा• अरुणा शर्मा, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण, इस्पात मंत्रालय के अधीनस्थ पीएसयू के सीएमडी एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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