--अभिजीत पाण्डेय
पटना - बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज।
बिहार के विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए पीपीपी मोड यानि पब्लिक-प्राइवेट-पाटनर्शिप को अधिक से अधिक अपनाने की आवश्यकता है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी गया जी स्थित बिपार्ड यानि बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित मंथन 2025 के समापन कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मॉडल में सरकार को कम राशि का निवेश करना पडता है और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तेजी से संभव होता है।
श्री चौधरी ने प्रमंडल आयुक्तों, जिला पदाधिकारियों और राज्य के वरीय अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिला स्तर पर भी पीपीपी मोड को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि यदि अधिकारियों के द्वारा जिलों से अच्छे प्रपोजल सरकार को मिलते हैं तो उस पर नीति बनाकर आगे बढ़ाया जाएगा। सरकार उन्हें खुले दिल से प्रोत्साहित करेगी।
उन्होंने कहा कि कई अधिकारी अपनी राय लगातार देते रहते हैं और अब जरूरत है कि पीपीपी मोड पर विशेष रूप से ठोस पहल की जाए। इस मोड में सरकार सहयोगी भूमिका में रहती है जहां भूमि उपलब्ध कराई जाती है और बहुत कम वित्तीय निवेश करना पड़ता है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में पथ निर्माण विभाग में हैम प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलने के बाद लगभग 17000 करोड रुपये का निवेश राज्य में आया। वर्तमान में बिजली विभाग में भी पीपीपी मोड पर अच्छा काम हो रहा है और इसके माध्यम से 10000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में भी इस मॉडल को लेकर लोगों में उत्साह है और नगरों के आसपास कई निजी इकाइयां प्लांट लगाने में रुचि दिखा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सात निश्चय 01 और 02 के सफल क्रियान्वयन के बाद सात निश्चय 03 को भी मंजूरी दी गई है। पिछले बीस वर्षों में सड़क, बिजली, पेयजल, सिंचाई, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर काम हुआ है। आज बिहार एक्सप्रेस वे, एयरपोर्ट, वाटरवे, रेल मेट्रो और वाटर मेट्रो की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
श्री चौधरी ने कहा कि नौकरी और रोजगार सृजन के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहे हैं लेकिन विकसित राज्य बनने के लिए अभी और प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रिस्पांसिव सरकार और सुशासन बिहार की पहचान है और दोगुना रोजगार दोगुनी आय के लक्ष्य के लिए उद्योगों को सशक्त बनाना होगा। ईज आफ डूइंग बिजनेस को और सरल एवं व्यवहारिक बनाना जरूरी है ताकि उद्योगपति और व्यापारी पूरे आत्मविश्वास के साथ बिहार में निवेश कर सकें।
इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिले के जिलाधिकारी और एसपी हर महीने उद्योग से संबंधित संगठनों के साथ बैठक करें और उनकी समस्याओं को निदान करने के लिए काम करें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी जमीन चिन्हित कर लैंड बैंक बनाने का काम करें ताकि डेवलपमेंट के लिए जमीन की उपलब्धता हो।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पुलिस लाइन में जीविका मेस का संचालन किया जाए। जिलाधिकारी पूर्व सूचना देकर प्रखंड स्तर पर जनता दरबार आयोजित कर लोगों की समस्याओं का निदान करे।
पर्यटन की अपार संभावनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की भौगोलिक संरचना और ऐतिहासिक विरासत इसे विशेष बनाती है। इन क्षेत्रों में पीपीपी मोड के माध्यम से निजी भागीदारी से रोजगार और राजस्व दोनों बढ़ाए जा सकते हैं।
श्री चौधरी ने मंथन 2025 को एक अच्छी शुरुआत बताया और सभी को नए वर्ष के लिए शुभकामनाएं देते हुए बिहार को समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने का आह्वान किया।
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