--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
रायपुर - छत्तीसगढ़, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■जोरों पर छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्यवाही पर ब्रेक लगाने की तिकड़में
छत्तीसगढ़ के कोल लेव्ही परिवहन घोटाले में उपकृत होने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का काला चिटठा सामने आया है। जबकि ऐसे प्रभावशील दागी अधिकारियों के खिलाफ बगैर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित किये ही मौजूदा चीफ सेकेट्री रिटायर हो गए हैं। उनकी कार्यप्रणाली से जहाँ भ्रष्टाचार को लगातार सरंक्षण प्राप्त हो रहा था, वही अब नए चीफ सेकेट्री के रुख को लेकर मंत्रालय में गहमागहमी देखी जा रही है।
● सुर्खियों में रहा आईएएस-आईपीएस अधिकारियों का काला चिट्ठा
इस बीच प्रदेश के कोल खनन परिवहन घोटाले में लिप्त रायपुर, रायगढ़, कोरबा और बिलासपुर के तत्कालीन एसएसपी–कलेक्टर और अन्य अफसरों की संलिप्ता का काला चिटठा सुर्खियों में है। इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ कैडर के आल इंडिया सर्विस के कतिपय चुनिंदा अधिकारी भूपेश राज में आए दिन करोड़ों की रकम पर हाथ साफ़ कर रहे थे। उनके लेन–देन का नमूना मात्र देखकर आप रोजाना के अवैध कारोबार का अंदाजा लगा सकते हैं। घोटाले के किंगपिन से इन अफसरों का करीब का नाता बताया जाता है। ये आईएएस और आईपीएस अधिकारी आपस में सांठगांठ कर छत्तीसगढ़ शासन की तिजोरी को किसी प्रोफेशनल गिरोह की तर्ज पर चूना लगा रहे थे। उनका लेनदेन गंभीर आर्थिक अपराध के दायरे में बताया जाता है। एक आईएएस अधिकारी ने कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी को 11 करोड़ 05 लाख की नगद रकम की अदायगी की थी, जबकि वर्दीधारी एक प्रभावशील एएसपी ने इसी कोल माफिया सूर्यकान्त तिवारी से 05 करोड़ 67 लाख की नगदी प्राप्त की थी। इसके अलावा ईडी ने अन्य आईएएस-आईपीएस की कार्यप्रणाली से भी मौजूदा चीफ सेक्रेटरी को बाकायदा पत्र लिखकर महीने भर पहले अवगत कराया था। लेकिन अकार्यकुशल निवर्तमान चीफ सेक्रेटरी ने ईडी के इस पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया।
● शिकायती जांच पत्र को लेकर गहमागहमी
“छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक शिकायती जांच पत्र को लेकर मंत्रालय में गहमागहमी है। लोगों की जुबान पर है कि रिटायर मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा बख्शे गए दागी आईएएस–आईपीएस अधिकारियों के प्रति नए मुख्य सचिव आखिर नरमी बरतेंगे या फिर सख़्ती। दरअसल, नए मुख्य सचिव को ईडी का शिकायती पत्र विरासत में प्राप्त हुआ है। बताते हैं कि ईडी ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी और एसीबी-ईओडब्ल्यू को पत्र लिखकर दागी अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने का फ़रमान जारी किया है। ईडी के इस पत्र में बताया गया है कि जांच के दौरान आरोपी सूर्यकांत तिवारी की डायरी में 80 करोड़ रुपए से ज्यादा के लेनदेन का ब्यौरा मिला था। इसकी जाँच पड़ताल के बाद अफसरों की कार्यप्रणाली आर्थिक अपराध के दायरे में है। सूत्रों के मुताबिक कोल माफिया सूर्यकान्त तिवारी की “डायरी” में दर्ज प्रभावशाली अधिकारियों का घोटालों से करीब का नाता और अवैध कारोबार सामने आया हैं। तस्दीक की जा रही है कि ऐसे अफसरों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं, इनमें 02 आईपीएस और 02 आईएएस समेत 01 एडिशनल एसपी शामिल बताये जाते हैं। उनके बीच लेनदेन के ब्योरे में साफ़ किया गया है कि एक आईपीएस अधिकारी ने सूर्यकांत तिवारी को 11.5 करोड़ सौंपे थे। जबकि ख़ुफ़िया जिम्मेदारी संभाल रहे एक एएसपी को आरोपी तिवारी ने 5.67 करोड़ की नगद रकम सौंपी थी। ईडी ने इस पत्र में यह भी बताया है कि डायरी में दर्ज लेन-देन की तारीख, राशि और पक्षों के नाम सहित पूरा ब्यौरा मय सबूत उसे प्राप्त हुआ था। छत्तीसगढ़ शासन को यह जानकारी भी साफ़ कर दी गई है कि दागी अफसर किस तरह से अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे थे। ईडी ने इस संबंध में 5 प्रमुख अधिकारियों का आरोपियों से जुड़े लेन-देन का ब्योरा सामने रखा है। महासमुंद जिले में तैनात रहे एक अन्य आईपीएस अधिकारी ने भी सूर्यकान्त को 2.65 करोड़ की नगदी सौंपी थी। सूत्र तस्दीक करते हैं कि अवैध वसूली के एक प्रकरण में एक अन्य आईएएस अधिकारी ने 75 लाख की नगदी जबकि दूसरे आईएएस ने 60 करोड़ रुपए की नगदी आरोपी सूर्यकांत को सौंपी थी।
● नये मुख्य सचिव की कार्यवाही पर सबकी नजर
फ़िलहाल, ईडी का पत्र मंत्रालय में भी चर्चा में है। केबिनेट के पूर्व इस पत्र पर वैधानिक कार्यवाही को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार की मंशा भी टटोली जा रही है। माना जा रहा है कि नए चीफ सेकेट्री पदभार ग्रहण करते ही दागी अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही के लिए निर्देशित कर सकते हैं। दरअसल, प्रदेश में चीफ सेकेट्री एसीबी–ईओडब्ल्यू के पदेन मुखिया भी होते हैं। कोयला घोटाले मामले में ईडी की रिपोर्ट पर प्रदेश के एसीबी/ईओडब्ल्यू ने अब तक 2 पूर्व मंत्रियों, एक विधायक समेत 36 आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में आईएएस रानू साहू, आईएएस समीर विश्नोई, डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी का नाम मुख्य रूप से शामिल है। फ़िलहाल, मुख्यमंत्री साय केबिनेट की बैठक में नए चीफ सेकेट्री के स्वागत और पूर्व चीफ सेकेट्री की विदाई तय कार्यक्रम के तहत परवान चढ़ रही है। देखना गौरतलब होगा कि नए निजाम की छत्रछाया में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का आगाज़ किस तर्ज पर होता है?
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