--सुधीर मधुकर
पटना - बिहार, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■2027 में राज्य के किसी भी जगह से, राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य चार घंटा निर्धारित किया गया है
बिहार में चुनाव की घोषणा से पूर्व, पथ निर्माण मंत्री बिहार सरकार नितिन नवीन ने पथ निर्माण विभाग के 2020-2025 तक पथ निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं के संबंध में आज एक रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत की। श्री नवीन ने विस्तार पूर्वक पथ निर्माण विभाग के द्वारा क्रियान्वित योजनाओं के साथ-साथ पूर्ण की गई परियोजनाओं के बारे में बताया गया। उन्होंने उन परियोजनाओं का भी जिक्र किया जो प्रक्रियाधीन है। सड़क आधारभूत संरचना का जाल बिछाने का कार्य विगत बीस वर्षों से पथ निर्माण विभाग द्वारा अनवरत किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पथ निर्माण विभाग बिहार राज्य में पर्याप्त सड़क आधारभूत संरचना का विकास करने कि योजना पर कार्य कर रही है, जिससे राज्य की जनता को आवागमन की सुविधा हो साथ हीं राज्य के सभी हिस्सों में समेकित विकास हो सके।
श्री नवीन ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा दिये गये लक्ष्य जिसमें राज्य के सुदुर स्थानों से राजधानी पटना पहुँचने में पाँच घंटे से अधिक का वक्त ना लगे को सकार करने के लिए पथ निर्माण विभाग संकल्पित है। इस दिशा में 2027 तक इस लक्ष्य को चार घंटा किये जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
सड़क संरचना का विकास केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं से किया जा रहा है ताकि सुगम आवागमन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने भारत सरकार तथा विशेष कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अभार व्यक्त किया।
पथ निर्माण विभाग के आगामी योजना के संबंध में उन्होंने बताया कि चरणबद्ध तरीके से सिंगल लेन पथों को दो लेन तथा निर्मित एवं प्रस्तावित 4 लेन 6 लेन राष्ट्रीय उच्च पथो का सभी स्थानों से परस्पर सुगम सम्पर्कता होए इसके लिए प्रमुख मार्गों के चयन पर काम कर रही है।
निर्बाध एवं सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए विभाग प्रमुख रेल समपारों पर रेलवे उपरी पुल बनाने तथा जाम की समस्या वाले शहरी पथों पर एलिवेटेड बाईपास के निर्माण के योजना पर भी कार्य कर रही है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि कई जगह पर रेल सम्पारों पर रेलवे उपरी पुल पर कार्य शुरू भी किया जा चुका है।
सुलभ सम्पर्कता के तहत राज्य के सभी शहरों एवं संघन बसावटों से होकर गुजरने वाले मार्गों में आवश्यकतानुसार बाईपास फ्लाईओवर के निर्माण योजना का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य के चहुँमुखी विकास को दृष्टिपथ रखते हुए सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास के गति को तीव्र एवं सुगम बनाने हेतु पथ एवं पुल परियोजनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है।
श्री नवीन ने बताया कि बिहार राज्य में अनेक नदियाँ है तथा जल प्रवहन क्षेत्र होने के कारण प्रमुख नदियों पर पर्याप्त पुल का निर्माण अति आवश्यक है। इस दिशा में अबतक विभिन्न नदियों पर 15 नये पुलों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा 17 पुलों का निर्माण हो रहा है। इस तरह राज्य सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न नदियों पर अनेक पुल का निर्माण करा कर राज्य में निर्बाध आवागमन की सुविधा सुनिश्चित की जा रहीं है। इसके अतिरिक्त पटना रिंग रोड के तर्ज पर बिहार के अन्य शहरों में भी रिंग रोड विकसित करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के तर्ज पर बिहार राज्य भी हाईब्रिड एन्नूटी मोड के अन्तर्गत 03 महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है जिसमें जेपी गंगा पथ का विस्तार दीघा से कोईलवर व मुंगेर (साफियाबाद) - बरीयारपुर - सुल्तानगंज पथ व सुल्तानगंज-भागलपुर (सबौर) पर 4 लेन गंगा पथ का निर्माण किया जा रहा है।
निर्मित पुल संरचनाओं के निरूपित लाईफ स्पैन में पूर्ण उपयोगिता हेतु इनके सही एवं ससमय रख रखाव एवं प्रबंधन के लिए बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं संधारण नीति 2025 लागू की गई है। जिससे बिहार भारतवर्ष में पहला राज्य बन गया है। जिसने पुल संधारण नीति को मूर्त रूप दिया है।
पथ निर्माण विभाग द्वारा बिहार पथ आस्तियाँ अनुरक्षण नीति 2013 ¼ सड़क रखरखाव पॉलिसी -2013) के तहत प्रथम चरण 2013 - 2018 तक पाँच वर्षों के लिए पथों का सफलतापूर्वक संधारण करने के उपरान्त ओपीआरएमसी दुसरा चरण 2019 - 2026 तक सात वर्षों के लिए पथों का सफलतापूर्वक संधारण कार्य किया जा रहा है। ओपीआरएमसी एक निवारक रख रखाव नीति है। यह नीति सड़कों के उत्कृष्ट संधारण हेतु प्रतिबद्ध है।
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