हिन्दी हमारी मातृभाषा, विद्यार्थी हिन्दी को गर्व के साथ अपनाएँ: कुलपति



पंतनगर - उत्तराखण्ड
इंडिया इनसाइड न्यूज।

■विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस पर छात्रों ने दिखाया रचनात्मक उत्साह

गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक चेतना परिषद प्रोफेशनल सोसाइटी द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर प्रवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय के छात्रों में हिन्दी भाषा के महत्व और उसकी समृद्धि को उजागर करना था। कार्यक्रम के अंतर्गत अक्षरांश-कविता लेखन प्रतियोगिता, प्रज्ञात्म-प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता (प्रथम एवं द्वितीय चरण), शास्त्रार्थ-भाषण प्रतियोगिता और कथा कल्पना-कथा लेखन एवं वाचन प्रतियोगिता आयोजित की गई। छात्रों ने इन प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाण-पत्र और मैडल प्रदान कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. आनंद सिंह जीना के स्वागत अभिभाषण से हुआ। इसके बाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा होने के साथ-साथ हमारी संस्कृति और पहचान की अभिव्यक्ति है। हमें इसे न केवल सरल रूप में अपनाना चाहिए, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। भाषा के माध्यम से हमारी सोच, हमारी संस्कृति और हमारी संवेदनाएं स्पष्ट होती हैं। इसलिए छात्रों से मेरा आग्रह है कि वे हिन्दी को गर्व के साथ अपनाएँ और इसके प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाएँ।

समिति की परामर्शदात्री डॉ. विनीता राठौर ने अतिथियों और उपस्थित जनों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय डॉ. सुभाष चंद्र, निदेशक संचार डॉ. जे. पी. जायसवाल, प्रभारी शारीरिक शिक्षा डॉ. एन. के. सिंह, सह-अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. छाया शुक्ला, डॉ. अमित केसरवानी, डॉ. मनीन्द्र मोहन और आदर्श डंगवाल सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

● विश्वविद्यालय के चार छात्रों ने आईसीएआर पीजी परीक्षा में हासिल किया शीर्ष 10 स्थान

विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। महाविद्यालय के चार स्नातक छात्रों क्रमशः निहारिका पांडे (एआईआर-3), नंदिका बजाज (एआईआर-6), रिया (एआईआर-8) और दिव्या लिंगवाल (एआईआर-9) ने आईसीएआर स्नातकोत्तर (पीजी) प्रवेश परीक्षा 2025 में शीर्ष 10 में स्थान प्राप्त किया है। इन छात्रों ने दो साल के लिए जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) अर्जित की है, जो उन्हें भारत भर के आईसीएआर मान्यता प्राप्त राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू) और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों (सीएयू) में मास्टर डिग्री के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

इस सफलता ने विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में गर्व का माहौल बना दिया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि यह हमारे छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। उनकी यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता और उत्कृष्टता का प्रतीक है। हमें गर्व है कि हमारे छात्र सामुदायिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे।

सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठात्री डॉ. अलका गोयल ने भी छात्रों की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है। हमारे छात्रों ने असाधारण योग्यता का प्रदर्शन किया है। उनकी यह सफलता अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और हमारी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को भी दर्शाती है। आईसीएआर पीजी प्रवेश परीक्षा अत्यंत प्रतिस्पर्धी मानी जाती है और शीर्ष 20 में स्थान प्राप्त करने पर जूनियर रिसर्च फेलोशिप की गारंटी मिलती है। इस वर्ष की सफलता ने पंतनगर विश्वविद्यालय के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्र प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है।

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