--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
भोपाल - मध्यप्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■मध्यप्रदेश कांग्रेस को कमलनाथ की जरूरत
■कमलनाथ सरकार की योजनाओं पर ही बीजेपी लगा रही मुहर
मध्यप्रदेश में कमलनाथ को राजनीति का चाणक्य भी कहा जाता है। जिसके एक नहीं बल्कि कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण तो यह है कि वह प्रदेश कांग्रेस में सबसे ज्यादा अनुभवी और प्रभावशाली राजनेता हैं। दूसरा कारण यह है कि उनमें प्रशासनिक स्तर पर सत्ता का संचालन करने की अदभुत क्षमता है। कैसे जनता के हितों में चलाई जाने वाली योजनाओं को लाभ मिले उसका कैसे क्रियान्वयन किया जाये, इसकी कमलनाथ में काफी समझ है। तीसरा सबसे प्रमुख कारण यह है कि वे ऐसे नेता हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में सत्ता और शासन के लिए अपने उसूलों से समझौता नहीं किया है। संपूर्ण जीवन में निडरता तथा साहस का परिचय दिया। पार्टी और जनता के हितों के लिए बलिदान तक दिया है। जिसको हम सबने 2020 में देख लिया है। यही वह समय था जहां वह चाहते तो एक समझौता करके मुख्यमंत्री के पद पर बने रह सकते थे। लेकिन उन्होंने झुकने के बजाय पद छोड़ना बेहतर समझा। ऐसे तमाम किस्से हैं जो कमलनाथ को आज की स्वार्थी राजनीति में कमलनाथ को एक महान राजनेता की श्रेणी में रखते हैं। प्रदेश में कमलनाथ की स्वीकार्यता को 2018 में देख चुके हैं। उनके चेहरे पर लड़ा गया वह चुनाव पिछले 15 साल से शासन कर रही बीजेपी को उखाड़ फेंकने में कामयाब रही। अपने 18 माह के शासनकाल में ही कमलनाथ ने प्रदेश की दशा और दिशा बदल दी। प्रशासनिक कसावट से लेकर शासकीय योजनाओं की पारदर्शिता पर बेहतर काम किया। कमलनाथ के विकास मॉडल को आज भाजपा अपना रही है। अपने शासन में बनाई गई कई योजनाओं को बीजेपी शासन में बरकरार रखा है और उनकी सराहना की जा रही है। यह कांग्रेस के लिए गौरव की बात है कि बीजेपी कमलनाथ के कार्यों को सराह रही है।
● हाईटेक गौशाला निर्माण, मेट्रो की कल्पना, कन्यादान योजना, किसान ऋण माफी, ओबीसी वर्ग के लिए 27 फ़ीसदी आरक्षण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ौत्री कमलनाथ सरकार की देन
कमलनाथ सरकार में प्रदेश में हाईटेक गौशालाओं का निर्माण हुआ, कन्यादान योजना और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ौत्री की गई। वहीं ओबीसी वर्ग के लिए 27 फ़ीसदी आरक्षण का खाका कमलनाथ सरकार ने ही तैयार किया। ऐसे तमाम मुददे हैं जिन पर आज मोहन सरकार अपनी मुहर लगा रही है और इनको आगे बढ़ा रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कमलनाथ शासन में समाज के कल्याण के लिए जो कदम उठाये गये थे वह सटीक और लाभदायक थे। इसके अलावा किसान ऋण माफी, किसानों की आय बढ़ाने के मामलों पर कमलनाथ सरकार ने काम किया। युवाओं को रोजगार देने तथा नई शिक्षा नीति कमलनाथ सरकार की ही देन है।
● कमलनाथ के बिना सत्ता पाना मुश्किल है
आज कांग्रेस मध्यप्रदेश में पुनः सत्ता पाने की दिशा में जी तोड़ प्रयास कर रही है। तमाम नेता बगैर नेतृत्व के मौजूदा सरकार की घेराबंदी में लगे हैं। जिसका खास असर भी नहीं दिख रहा है। वह चाहे विधानसभा में हो या सड़क पर हो। कांग्रेस लड़ाई तो लड़ती है लेकिन उस लड़ाई का असर बेअसर ही रहता है। जिसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि मौजूदा नेतृत्व मजबूत नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रदेश को कमलनाथ जैसे नेतृत्वकर्ता की बहुत जरूरत है, जो कांग्रेस को मजबूती भी प्रदान करेगा और कार्यकर्ताओं में भी नया जोश भरेगा। उन्होंने अपने कार्यकाल में यह सिद्ध किया है कि वे न केवल कुशल प्रशासक हैं, बल्कि जनता के बीच विश्वसनीय नेता भी हैं। उनकी राजनीतिक समझ, सांगठनिक क्षमताएं, विकास के लिए दृष्टिकोण और जनसमर्थन को देखकर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि अगर कांग्रेस को मध्यप्रदेश में सरकार बनानी है तो कमलनाथ को ही नेतृत्व देना होगा। यही बजह है कि आज पार्टी आलाकमान के समक्ष सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि वह किसके नेतृत्व में इस लक्ष्य को प्राप्त करे। ऐसे में कमलनाथ के नेतृत्व को नजरअंदाज करना न केवल राजनीतिक भूल होगी, बल्कि यह कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी नकारात्मक असर डालेगा। कमलनाथ ने जिस समर्पण भाव से मध्यप्रदेश कांग्रेस को खड़ा किया है, वह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने न केवल राजनीतिक रणनीतियों के स्तर पर पार्टी को मज़बूत किया, बल्कि अपनी निजी संसाधनों से भी संगठन को सहारा दिया। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में कमलनाथ की दूरदर्शिता और सांगठनिक कुशलता का बड़ा हाथ रहा। उन्होंने ना केवल अनुभवी नेताओं को एक मंच पर लाया, बल्कि युवाओं को भी महत्व देकर पार्टी के भीतर नई ऊर्जा का संचार किया।
● कमलनाथ के विजन और मिशन में बसा है मध्यप्रदेश
कमलनाथ चाहे केंद्र में मंत्री रहे हो या मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री। उनके विजन और मिशन में मध्यप्रदेश हमेशा रहा है। प्रदेश में निवेश कही बात हो या विकास की बात हो, उन्होंने हमेशा अपने स्तर पर प्रदेश को विकसित प्रदेश बनाने का प्रयास किया। आज प्रदेश में सड़क का, मेट्रो का नेटवर्क देख रहे हैं उसमें कमलनाथ का योगदान सराहनीय है। छिंदवाड़ा जैसे छोटे शहर को उन्होंने विश्व स्तरीय पहचान दिलाई है। विकास के साथ-साथ रोजगार, उदयोग लगाकर लोगों के जीवन को परिवर्तित किया है।
● जीतू पटवारी को कमलनाथ का साथ है जरूरी
मध्यप्रदेश कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष जीतू पटवारी एक युवा, ऊर्जावान और जनसंपर्क में दक्ष नेता हैं। लेकिन यह भी सच है कि उन्हें प्रदेश की गहराई से समझ और अनुभव की आवश्यकता है, जो उन्हें कमलनाथ के साथ मिलकर प्राप्त हो सकता है। अगर कांग्रेस को मध्यप्रदेश में भविष्य की राजनीति में मजबूती से खड़ा करना है, तो यह आवश्यक है कि युवा नेतृत्व और अनुभवी मार्गदर्शन का मेल हो। कमलनाथ को दरकिनार करके कांग्रेस प्रदेश में कोई मजबूत रणनीति नहीं बना सकती। जीतू पटवारी को चाहिए कि वे कमलनाथ के साथ मिलकर कार्य करें, उनके अनुभव का लाभ लें और उन्हें संगठन के निर्णयों में सम्मिलित करें।
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