--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
रायपुर - छत्तीसगढ़, इंडिया इनसाइड न्यूज।
■कवर्धा में अजय शर्मा ने मचा रखा है आतंक
■लूटपाट और भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर रहे शर्मा
■छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा के भाई अजय शर्मा बने प्रदेश के ''सुपर'' गृहमंत्री!
छत्तीसगढ़़ के गृहमंत्री विजय शर्मा का विवादों से चोली दामन का साथ हो गया है। दिन-ब-दिन उनका किसी न किसी विषय को लेकर विवाद खड़ा हो जाता है। नया विवाद उनके बड़े भाई अजय शर्मा को लेकर है। अजय शर्मा अपने क्षेत्र के साथ-साथ पूरे प्रदेश में सुपर गृहमंत्री की तर्ज पर अनैतिक कार्यों को अंजाम देने में जुटे हैं और सरकार के गृहमंत्री विजय शर्मा अपने भाई की काली करतूतों पर आंखें बंद किये हुए हैं। खुलेआम गुंडागर्दी, अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के गोरखधंधे का ऐसा जाल फैलाया है कि पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। यह सरासर गृहमंत्री की सरपरस्ती में फल-फूल रहा है। आरोप हैं कि मंत्री का भाई अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर में खुलेआम पैसे की वसूली कर रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि विभागीय पोस्टिंग का रेट तय कर लिये गये हैं और बिना अजय शर्मा की ‘सिफारिश और सुविधा शुल्क’ के किसी अधिकारी का तबादला संभव नहीं है। कई अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मंत्री के भाई के हस्तक्षेप से पुलिसिंग की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पुलिसिंग व्यवस्था पूरी तरह चरमराई नजर आ रही है। अधिकारी कहते हैं कि गृहमंत्री का फोकस लॉ एंड ऑर्डर पर नहीं बल्कि राजनीतिक मैनेजमेंट और व्यक्तिगत प्रभाव बढ़ाने पर रहा है, जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, कवर्धा और कोरबा जैसे जिलों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में निरंतर वृद्धि ने सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
● भाई अजय शर्मा चला रहा गृह मंत्रालय!
सूत्रों का कहना है कि अजय शर्मा सिर्फ गृह मंत्रालय में ही घुसपैठ नहीं कर रहे हैं। वह नगर निगम, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी विभाग में भी जमकर अवैध वसूली कर रहे हैं। सभी विभागों के ठेकेदारों का भुगतान अजय शर्मा से मुलाकात के बाद होता है। निश्चित ही इसमें अच्छी खासी रकम कमीशन के तौर पर अजय शर्मा को मिलती है। अजय शर्मा के इस रवैये से ठेकेदार भी काफी परेशान हैं लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नही है। गृहमंत्री का हाथ होने के कारण ठेकेदार भी डरे हुए रहते हैं।
● कार्यकर्ताओं से विजय शर्मा का बुरा व्यवहार
कवर्धा क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ता बहुत निराश हैं। क्योंकि गृहमंत्री विजय शर्मा का व्यवहार बहुत खराब हो गया है। कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं करते हैं। काम नहीं करते हैं। कार्यकर्ता काम करवाने के लिए आते हैं तो मंत्री कहते हैं काम चंदा करके करवा लो। मैं भी कुछ मदद कर दूंगा। कार्यकर्ताओं ने चुनाव के समय सरपंच और लोगों ने चंदा करके पैसे दिये थे। अब उनके ही काम नहीं हो रहे तो वह नाराज हैं। इसके साथ अब अजय शर्मा का सरकार में दखल हो गया है तो काम बिल्कुल ही नहीं हो रहे हैं।
● भाई की करतूतों में गृहमंत्री का खुला संरक्षण
यह भी सच है कि आज जो प्रदेश में गृहमंत्री के भाई अजय शर्मा का काला साम्राज्य खड़ा हो रहा है उसमें विजय शर्मा का पूरा संरक्षण हैं। बिना विजय शर्मा के उसका भाई खुलेआम लूट खसोट नहीं कर सकता है। आज प्रदेश में इसी बात को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। सूत्र बताते हैं कि गृहमंत्री को लगने लगा है कि आने वाले समय में उनका चुनाव जीतना मुश्किल है क्योंकि विजय शर्मा की छवि काफी खराब हो चुकी है। यही कारण है कि वह भाई के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है। नाम भले ही भाई का आ रहा हो लेकिन पूरा सपोर्ट गृहमंत्री का बताया जा रहा है।
● टेंट भी हटा लिया है अजय शर्मा ने
कवर्धा में अजय शर्मा के आवास पर पुलिस का टेंट लगा था, अब उसे हटा दिया गया है क्योंकि यहीं से अजय शर्मा की सारी अवैध वसूली होती है। अजय शर्मा को डर था कि कहीं इसका पता लोगों को न चल सके। पूरा गोरखधंधा यही से संचालित होता है।
● आंकड़ों में बयां होती अपराधों की हकीकत
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि विजय शर्मा के कार्यकाल में राज्य में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। पिछले डेढ़ साल में राज्य में बलात्कार के 2682 मामले दर्ज किए गए, वहीं छेड़छाड़ की 5174 घटनाएं सामने आईं। लूट के मामलों में 38 प्रतिशत, डकैती में 44 प्रतिशत और चोरी की घटनाओं में 62 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इन आंकड़ों ने विपक्ष को ही नहीं, सत्ता पक्ष के भीतर भी गृहमंत्री की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़े करने का मौका दे दिया है। राज्य की कानून व्यवस्था में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसके चलते आम लोगों में भय, असुरक्षा और शासन के प्रति गहरा अविश्वास पनप रहा है। आज छत्तीसगढ़ राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
● मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की चुप्पी क्यों?
राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आखिर कब तक इस बदहाल स्थिति पर चुप्पी साधे रहेंगे। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री खुद भी गृहमंत्री के कार्य से असंतुष्ट हैं लेकिन राजनीतिक संतुलन साधने के लिए उन्होंने अभी तक कोई कठोर कदम नहीं उठाया। विपक्ष का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर हैं। गृहमंत्री पूरी तरह नाकाम हैं।
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