‘घनश्याम की ग़ज़लों में दिखती है दुष्यंत कुमार की छवि’



नई दिल्ली
इंडिया इनसाइड न्यूज।

■कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान से नवाजे गए वरिष्ठ शायर एवं आलोचक अनिरुद्ध सिन्हा

कवि घनश्याम की ग़ज़लों में प्रेम, जीवन के अनुभव और जन सरोकारों के विषयों की झलक इतनी सरल एवं स्पष्ट भाषा में मिलती है, जो पाठकों और श्रोताओं के दिल में आसानी से रच-बस जाती है। अपनी ग़ज़लों में हिन्दी के तत्सम शब्दों का सार्थक प्रयोग उन्हें दुष्यंत कुमार के नजदीक लाकर खड़ा कर देता है। यह बातें वरिष्ठ लेखक सिद्धेश्वर ने नई दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में आयोजित विन्यास साहित्य सम्मान समारोह के दौरान स्मृति शेष कवि घनश्याम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये कही।

कवि घनश्याम की जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत कवि घनश्याम के चित्र पर माल्यार्पण एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके बाद कवि घनश्याम के वरिष्ठ सुपुत्र एकलव्य केसरी ने स्मृति शेष शायर के ग़ज़ल संग्रह ‘खुशबू-ख़ुशबू रात ग़ज़ल है’ से उनकी चुनिंदा ग़ज़लों का पाठ किया।

कार्यक्रम के दौरान मुंगेर (बिहार) के चर्चित शायर एवं आलोचक अनिरुद्ध सिन्हा को वर्ष 2025 का कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान श्री सिन्हा ने कवि घनश्याम को याद करते हुये कहा कि मुंगेर की साहित्यिक धरती को सींचने में कवि घनश्याम की भूमिका को विस्मृत नहीं किया जा सकता। सरल और सहृदय व्यक्तित्व के धनी कवि घनश्याम के मन में वरिष्ठों और कनिष्ठों सभी प्रति प्यार और आदर हमेशा रहा। उन्होंने कवि घनश्याम के साथ बिताए लम्हों को याद करते हुए कहा कि घनश्याम की ग़ज़लें लोगों के दिलों में उतर जाती है। उनकी ग़ज़लें कल भी प्रासंगिक थी और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगी। उनका असमय दुनिया से चले जाना साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके पुत्र चैतन्य और एकलव्य इस कार्यक्रम के जरिये अपने पिता की यादों को जीवंत रखे हुए हैं।

विन्यास प्रकाशन के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कला साधना में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पटना के वरिष्ठ चित्रकार एवं लेखक सिद्धेश्वर को वर्ष 2025 का विन्यास प्रकाशन कला विभूति सम्मान प्रदान किया गया। साथ ही कमला नायक को विन्यास प्रकाशन रचनाकार सम्मान से विभूषित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान स्मृति शेष प्रोफेसर दविंदर कौर उप्पल स्मृति पत्रकारिता सम्मान से प्रो गोविंद सिंह को सम्मानित किया गया। प्रो गोविंद सिंह वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक हैं तथा वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष हैं। उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुये भारतीय जनसंचार संस्थान के राजभाषा अधिकारी अंकुर विजयवर्गीय ने कहा कि प्रो गोविंद सिंह सिर्फ एक पत्रकार, एक लेखक या एक शिक्षक ही नहीं हैं, बल्कि एक विचार हैं, एक चेतना हैं और हम सभी के लिए मार्गदर्शक भी हैं। प्रो गोविंद सिंह ने इस अवसर पर प्रो उप्पल की जीवन यात्रा की चर्चा करते हुये कहा कि उप्पल मैडम पत्रकारिता की एक बेमिसाल शिक्षक होने के साथ ही जन सरोकारों के लिए हमेशा से संघर्ष करने के लिए तत्पर रहती थीं। उनके विद्यार्थियों द्वारा इस सम्मान की शुरुआत ऐसे महान शिक्षक के प्रति उनकी सच्ची गुरु दक्षिणा है।

पटना के शायर मो नसीम अख्तर के बेहतरीन एवं सधे हुये संचालन में चल रहे इस कार्यक्रम में सिद्धेश्वर द्वारा संपादित पुस्तक ‘21 वीं सदी की लघुकथाएं’ का लोकार्पण भी किया गया। इस पुस्तक के सह संपादक की भूमिका ऋचा वर्मा ने निभाई है। इस दौरान सिद्धेश्वर ने लघुकथा की इस पुस्तक के बारे में प्रकाश डालते हुये कहा कि लघुकथा एक ऐसी विधा है, जो कम शब्दों में एक छोटी घटना को प्रभावशाली तरीके से पाठकों के मन-मस्तिष्क को झकझोरने में कामयाब होती है। उन्होने इस पुस्तक को ऐतिहासिक बताते हुये प्रकाशक को इसके प्रकाशन के लिए धन्यवाद ज्ञपित किया।

कार्यक्रम के तीसरे सत्र में वरिष्ठ शायर विज्ञान व्रत की अध्यक्षता में आयोजित मुशायरे में देशभर से आए कवियों और शायरों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं का पाठ किया। मुख्य अतिथि की भूमिका वरिष्ठ शायर लक्ष्मी शंकर वाजपेई ने निभाई एवं विशिष्ट अतिथि विजय स्वर्णकार एवं दिवाकर रहे। मुशायरे में विज्ञान व्रत, अनिरुद्ध सिन्हा, लक्ष्मीशंकर वाजपेई, सिद्धेश्वर, नसीम अख्तर, राहुल शिवाय, पीयूष कान्ति, मयंक राजेश, एकलव्य केसरी, ममता किरण, कालजई घनश्याम, माधुरी स्वर्णकार, विश्व मोहन, अपूर्व कुमार, कमला अग्रवाल, निशा भास्कर आदि कवियों ने अपनी कविताओं से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। काव्य पाठ करने वालेन सभी कवियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों और श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन कवि घनश्याम के कनिष्ठ सुपुत्र चैतन्य चन्दन ने किया। इस दौरान कवि घनश्याम की पत्नी उषा किरण एवं पुत्रवधु अनूपा केसरी सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

https://www.indiainside.org/post.php?id=10194