गायब होने के पहले रेखा गोस्‍वामी ने जताई थी हत्‍या की आशंका



--विजया पाठक
एडिटर - जगत विजन
भोपाल - मध्यप्रदेश, इंडिया इनसाइड न्यूज।

■मोहन यादव के मुख्‍यमंत्री बनते ही उज्‍जैन की पत्रकार रेखा गोस्‍वामी गायब

■रेखा गोस्‍वामी के घरवालों ने करायी गायब होने की एफआईआर दर्ज

■रेखा गोस्‍वामी ने अपने अखबार अभय आवाज में प्रकाशित की थी मुख्‍यमंत्री के भ्रष्‍टाचार की खबरें

■पूरे प्रदेश के पत्रकारों में छायी मोहन सरकार की दहशत

पत्रकार समाज का आईना होता है। समाचार प्रकाशित, प्रसारित करना इनका संवैधानिक अधिकार है, जिसकी सुरक्षा आज खतरे में है। पुलिस प्रशासन सुरक्षा प्रदान करने में पूर्ण रूप से असमर्थ होकर स्वयं झूठे प्रकरण दर्ज कर राजनेताओं को प्रसन्न करने में व्यस्त है। वहीं प्रदेश के मुख्‍यमंत्री मोहन यादव पूरे प्रदेश सहित उज्‍जैन के पत्रकारों को परेशान करने में लगे हुए हैं। पत्रकारिता पर पहरा लगाकर मोहन यादव अपने आप को तानाशाह बना रहे हैं और लोकतंत्र का गला घोंटने पर लगे हैं। प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि पत्रकारों के खिलाफ खुले रूप में अत्‍याचार और अनाचार किया जा रहा है।

हाल ही में सबसे भयभीत और विचलित करने वाला मामला सामने आया है। यह मामला है उज्‍जैन की पत्रकार रेखा गोस्‍वामी का। रेखा गोस्‍वामी उज्‍जैन की दबंग पत्रकार हैं। अपने साप्‍ताहिक अखबार अभय आवाज में भ्रष्‍टाचार और गुंडागर्दी की खबरें प्रकाशित करती रही हैं। लेकिन रेखा गोस्‍वामी की साहसी पत्रकारिता से कई लोग परेशान होते रहे हैं। इनमें से एक नाम वर्तमान मुख्‍यमंत्री मोहन यादव का भी है। मोहन यादव के मुख्‍यमंत्री बनने से पहले रेखा गोस्‍वामी ने अपने अखबार में इनके खिलाफ भ्रष्‍टाचार की काफी खबरें प्रकाशित की थी। लेकिन जैसे ही मोहन यादव मुख्‍यमंत्री बने उन्‍होंने एक-एक कर अपने खिलाफ लिखने वालों को ठिकाने लगाने का काम शुरू किया। उनमें रेखा गोस्‍वामी भी हैं। रेखा गोस्‍वामी मोहन यादव के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद से गायब है। वह कहां है, किस हालात में हैं और जिंदा भी हैं कि नहीं, किसी को पता नहीं है। वह पिछले 15 महीने से गायब है। उनके घरवालों ने उज्‍जैन के थाने में गायब होने की एफआईआर भी दर्ज की है। अब तो घरवालों को रेखा की चिंता सताने लगी है। यहां तक कि वह इस विषय में भी बात करने से कतराते हैं और डरते हैं।

• पत्रकार रेखा गोस्‍वामी ने जताई थी हत्‍या की आशंका

रेखा गोस्वामी एक महिला पत्रकार हैं तथा फ्रीगंज (उज्जैन) में निवास करती हैं। इनके पास साप्ताहिक हिंदी समाचार पत्र अभय आवाज का प्रकाशन स्वामित्व व संपादक की जिम्मेदारी है। गायब होने से पहले रेखा गोस्‍वामी ने अपनी हत्‍या की आशंका जताई थी। क्‍योंकि मुख्‍यमंत्री बनने से पहले मोहन यादव के खिलाफ काफी कुछ प्रकाशित किया था। शायद रेखा को तब से ही अपनी हत्‍या की आशंका हो गई होगी। एक वाक्‍या है जो रेखा ने बताया था, जो इस प्रकार है- 16 नवंबर 2023 को इंदौर रोड पर हॉकर्स द्वारा साप्ताहिक अखबार अभय आवाज का वितरण किया जा रहा था। महामृत्युंजय गेट से हॉकर लौट रहे थे तभी बीच सड़क पर वार्ड क्रमांक 48 के बीजेपी पार्षद अंशु अग्रवाल के पति गोपाल अग्रवाल, कार्तिक मिश्रा, अजय शुक्ला, सचिन वर्मा, सोनू बिजोलिया, सतीश सिंदल, गजेंद्र खत्री, प्रकाश जायसवाल और अन्य लोग आए और दोनों हॉकर के साथ रास्ता रोककर मारपीट की और गालियां देते हुए बोले हमारे खिलाफ छापकर अखबार बेचते हो। इन लोगों ने अखबार का बंडल लूट लिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ कर चाबियां भी ले गए। इस दौरान जब लोग इनका वीडियो बनाने लगे तो जाते-जाते उन्होंने धमकी दी कि हमारे खिलाफ छापा तो जान से मार देंगे। ये सभी लोग आपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं। इनके खिलाफ केस दर्ज हैं। इनसे रेखा गोस्‍वामी व इनके साथियों को जान का खतरा था। रेखा गोस्‍वामी ने पुलिस अधीक्षक उज्‍जैन से सुरक्षा प्रदान की मांग करते हुए कहा था कि यह लोग कभी भी मुझ पर हमला कर सकते हैं। रेखा गोस्‍वामी ने मुख्‍यमंत्री मोहन यादव से संबंधित तथ्यात्मक खबर अपने अखबार अभय आवाज में प्रकाशित की थी। इसलिए डॉ. मोहन यादव गुट के कुछ लोग इनसे रंजिश रखते हैं। रेखा गोस्‍वामी द्वारा अपने समाचार पत्र में मुख्यमंत्री मोहन यादव के खिलाफ शासकीय भूमि पर अवैधानिक रूप से कब्जा करने एवं उस पर अपना निजी अस्पताल निर्मित कर संचालित करने के संबंधित प्रमाण प्राप्त होने के समाचार प्रकाशित किए गए थे। इनके अलावा अन्य कई पत्रकारों ने भी इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में प्रकाशित प्रसारित किए गए थे। जिस कारण मोहन यादव उनके खिलाफ समाचार पत्र छापने वाले पत्रकारों के विरुद्ध द्वेष की भावना रखते हुए अपने पद का दबाव उज्जैन पुलिस पर बना कर पत्रकारों के विरुद्ध झूठे प्रकरण बनवा रहे हैं। पत्रकार राजीव भदौरिया और मनीष भालसे के विरुद्ध झूठे मुकदमे लगवाए गए हैं। पत्रकार ऋषि शर्मा राज रॉयल कालोनी उज्‍जैन स्थित अपने घर पर थे। इस दौरान तीन बाइक पर सवार आधा दर्जन बदमाश पहुंचे। उनके हाथ में थैला भरकर पत्थर थे। उन्होंने आते ही गालियां देना शुरू कर दी। इसके बाद सभी ने घर पर पत्थर बरसाए। दो बदमाश सीसीटीवी पर पत्थर मारते रहे। बदमाश जाते समय जान से मारने की धमकी भी दे गए। पत्रकार इंद्रेश सूर्यवंशी कवरेज करने के लिए उज्जैन जिले के तराना जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में उनकी कार को मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने जानबूझकर टक्कर मारकर रोक दिया। इसके बाद जब इंद्रेश में बदमाशों को समझाने की कोशिश की तो वे उन पर टूट पड़े। आरोपियों ने लाठी से पत्रकार पर हमला किया। इस घटना की शिकायत करने के लिए जब पत्रकार इंद्रेश तराना थाने पहुंचा तो वहां पुलिसकर्मियों ने भी ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उज्जैन एसपी के पास मामला पहुंचा। हाल ही में उज्जैन पुलिस ने पत्रकार राजेंद्र सिंह भदौरिया, रेखा गोस्वामी, जय कौशल, शकील खान व समेत अन्य पत्रकारों को काफी परेशान किया। इन पर ब्लैकमेलिंग और लूट की धाराओं में केस दर्ज करवा दिये हैं।

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