नई दिल्ली, 18 दिसम्बर 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
रेल राज्य मंत्री तथा संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने रेल मंत्रालय द्वारा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर के सहयोग से आयोजित समारोह में रेलवे में नवाचार और टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत को सशक्त बनाने के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर रेल बोर्ड के सदस्य रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल, बोर्ड के अन्य सदस्य रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स के अतिथि उपस्थित थे।
मनोज सिन्हा ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने अनेक चुनौतियों को पार करते हुए कई कीर्तिमान हासिल किये हैं और इस यात्रा में इंजीनियरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से रेलवे के विकास और प्रगति में नई ऊर्जा और शक्ति आयेगी। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों से समय पर भारतीय रेल की परियोजनाओं को पूरी करने में सहायक टेक्नोलॉजी पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों से कहा कि रेलवे से जुड़ी प्रमुख समस्याओं की जानकारी दें और इसका नवाचारी समाधान प्रस्तुत करें। उन्होंने समारोह के आयोजनकर्ताओं को बधाई दी।
पृष्ठभूमि : दो महीने तक चलने वाले रेलवे में नवाचार और टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत को सशक्त बनाने के कार्यक्रम में 100 से अधिक केन्द्रों पर गतिविधियां चलाई जायेंगी इससे ऑटोमेशन, नवीकरणीय ऊर्जा, रोबोटिक्स, एडवांस सिग्नलिंग, एडवांस ब्रिज टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी पर नए तरीके से फोकस किया जाएगा। भारतीय रेल नागरिकों को दी जाने वाली सेवा में सुधार के लिए इंजीनयरों के योगदान को बताएगा।
भारतीय रेल यात्री अनुकूल बनने के लिए जन आंदोलन चला रहा है। बड़े पैमाने पर मशीनी लॉड्री, मशीनी किचन तथा ऑटोमेटिक ट्रेन धुलाई सुविधा प्रदान की गई है। भारतीय रेल की ट्रेन तीन फेज टेक्नोलॉजी से अधिक ऊर्जा सक्षम हो गई है। रेलवे प्रतिवर्ष 3.4 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन कम करने का प्रयास कर रहा है।
इस कार्यक्रम से इंजीनियर्स इंडिया से जुड़े लाखों लोग तथा रेल कर्मचारियों के बीच साझेदारी बढ़ेगी।