डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ, ग्रामीण कारीगरों और ऑनलाइन रिटेलरों को सहायता प्रदान करने हेतु नये ई-मार्केट क्षेत्र में कदम



नई दिल्ली, 14 दिसम्बर 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

● भारतीय डाक ने ग्रामीण कारीगरों और ऑनलाइन रिटेलरों को डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए अपने उत्पाद बेचने के लिए शुरूआत से अंत तक सहायता प्रदान करने हेतु नये ई-मार्केट क्षेत्र में कदम रखा

संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने आज डाक विभाग के ई-कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल विक्रेताओं विशेषकर ग्रामीण कारीगरों/स्व-सहायता समूहों/ महिला उद्यमियों/राज्य और केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/स्वायत निकायों आदि को अपने उत्पाद देश भर में बेचने के लिए एक ई-मार्केट प्लेस उपलब्ध कराएगा। छोटे और स्थानीय विक्रेता, जो ई-कॉमर्स के क्षेत्र में पीछे छूट चुके हैं, डाक विभाग के विशाल वास्‍तविक और आईटी नेटवर्क का लाभ उठाते हुए अब अपनी पहुंच और खुदरा ताकत को अधिकतम बना पाने में समर्थ हो सकेंगे। खरीदार विक्रेताओं द्वारा पोर्टल पर प्रदर्शित किए गए उत्पादों तक पहुंच कायम कर सकेंगे और डिजिटल भुगतान के जरिए ऑर्डर कर सकेंगे। उत्पादों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजा जाएगा।

श्री सिन्हा ने पोस्ट ऑफिस सेविंग बैंक (पीओएसबी) ग्राहकों के लिए इंटरनेट बैंकिंग सुविधा की भी शुरूआत की, जो कोर बैंकिंग सॉल्युशन (सीबीएस) के अंतर्गत आती है। अब लगभग 17 करोड़ पीओएसबी खाते अंतर-संचालित होंगे और ग्राहक अपनी रकम ऑनलाइन डाकघर के आरडी और पीपीएफ खातों में जमा करा सकेंगे। इस सुविधा से ग्राहकों को डाकघर जाए बिना ही लेन-देन करने में सहायता मिलेगी।

टिकट संग्रह को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 2017 में डाक विभाग ने स्कूली छात्रों के लिए दीन दयाल स्पर्श (अर्थात् स्कॉलरशिप फॉर प्रमोशन ऑफ एप्टीट्यूड एंड रिसर्च इन स्टैम्प्स ऐज ए हॉबी) छात्रवृत्ति कार्यक्रम की शुरूआत की थी। इस योजना ने देश भर के बच्चों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया। यह इसी बात से जाहिर होता है कि 2017-18 में 20,652 बच्चों ने इसमें भाग लिया था, जबकि 2018-19 में इसमें भाग लेने वाले बच्चों की संख्या लगभग 4 गुना बढ़कर 74,555 तक पहुंच गई। इनमें से 920 छात्रों को सालाना 6000/- रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए चुना गया है। श्री सिन्हा ने दिल्ली सर्किल से चुने गए बच्चों को छात्रवृत्तियां प्रदान कीं और तमिलनाडु, बिहार और आंध्र प्रदेश डाक सर्किल के चुने गए बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की।

मनोज सिन्हा ने ग्रामीण डाक सेवकों और विभाग के कर्मचारियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए 8 श्रेणियों में मेघदूत पुरस्कार प्रदान किए। मेघदूत पुरस्कार 2011 के बाद फिर से शुरू किए गए हैं। यह कदम मनोज सिन्हा के मार्गदर्शन के तहत उठाया गया है। पुरस्कार पाने वाले आठों विजेताओं में से प्रत्येक को 21,000/- रुपये नकद, स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

श्री सिन्हा ने इस अवसर पर नये सिरे से तैयार की गई भारतीय डाक की वेबसाइट को भी लांच किया। ये नई वेबसाइट विभाग की डिजिटल पहुंच बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम है।

श्री सिन्हा ने कहा, “ये कदम शासन को नागरिकों की दहलीज तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए उठाए जा रहे हैं।”

श्री सिन्हा ने भारतीय डाक की विभिन्न प्रकार की पहल जैसे पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्र, आधार केन्द्र, भारतीय डाक भुगतान बैंक और नागरिकों पर केन्द्रित विभाग के अन्य सभी कदमों की रिपोर्टिंग और प्रचार के लिए मीडिया को धन्यवाद दिया।

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