नई दिल्ली, 05 दिसम्बर 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
केन्द्रीय रसायन व उर्वरक, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री डी• वी• सदानंद गौड़ा ने आज नई दिल्ली में कहा है कि सभी राज्यों में उर्वरकों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। किसी भी आकस्मिक जरूरत से निपटने के लिए यह स्टॉक पर्याप्त है।
श्री गौड़ा ने कहा कि उर्वरक विभाग उर्वरकों के परिवहन के लिए भारतीय रेल के साथ दैनिक स्तर पर समन्वय कर रहा है। रबी मौसम को देखते हुए देश में पर्याप्त उर्वरक उपलब्धता की दैनिक स्तर पर निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग, उर्वरक विभाग तथा भारतीय रेल द्वारा 4 दिसंबर, 2018 को संयुक्त रूप से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी राज्यों ने उर्वरकों के पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होने की सूचना दी है।
उन्होंने कहा कि उर्वरकों के परिवहन के लिए भारतीय रेल के साथ दैनिक स्तर पर समन्वय किया जा रहा है। खरीफ 2018 मौसम में 2017 के मुकाबले 250 अतिरिक्त रेल डिब्बों की व्यवस्था की गई है। रबी 2018-19 (अक्टूबर, 2018 से मार्च, 2019 तक) के लिए यूरिया की अनुमानित जरूरत 155.84 एलएमटी है। कुल अनुमानित मात्रा का अधिकांश भाग घरेलू उत्पादन से पूरा हो जाएगा। यूरिया के घरेलू उत्पादन का अनुमान 129 एलएमटी है। शेष जरूरत को आयात से पूरा किया जाएगा।
मासिक आपूर्ति योजना के तहत उर्वरकों की आपूर्ति की जाती है। प्रत्येक महीने के प्रारंभ में आपूर्तिकर्ताओं की सलाह से मासिक आपूर्ति योजना तैयार की जाती है। प्रत्येक राज्य की अनुमानित जरूरत के हिसाब से उर्वरकों की आपूर्ति की जाती है। जब राज्य उर्वरक प्राप्त कर लेते है तो उनके राज्य में वितरण की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है।
॥■॥ उर्वरकों के समुचित उपयोग के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्डों का वितरण
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (एसएचसी) को देश में पहली बार समग्र रूप से लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत सभी किसानों को ये कार्ड मुहैया कराए जा रहे हैं, ताकि फसल उत्पादन के लिए सही मात्रा में पोषक तत्वों का इस्तेमाल और मृदा स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
एसएचसी योजना के तहत सिंचित क्षेत्र में ढाई हेक्टेयर और असिंचित क्षेत्रों में 10 हेक्टेयर जमीन से मिट्टी के नमूने लिए जाते हैं। इसके लिए मिट्टी की जांच के 12 पैमाने हैं। इनमें प्राथमिक पोषक, दूसरे स्तर के पोषक, सूक्ष्म पोषक और अन्य तरह के पोषक शामिल हैं।
पहला चक्र 2015 से 2017 तक चलाया गया, इसके तहत 2.53 करोड़ मिट्टी के नमूनों की जांच हुई तथा किसानों को 10.73 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। दूसरा चक्र (2017-19) पहली मई, 2017 से शुरू हुआ। इस दौरान 2.73 करोड़ मिट्टी के नमूनों का लक्ष्य रखा गया। कुल 1.98 करोड़ नमूनों की जांच हुई और किसानों को 6.73 करोड़ कार्ड बांटे गए। इसका लक्ष्य 12.04 करोड़ किसानों को इसके दायरे में लाने का है।
मिट्टी के नमूनों की जांच और मृदा स्वास्थ्य कार्डों के वितरण में तेजी लाने के लिए मृदा जांच अवसंरचना को उन्नत बनाया गया है। राज्यों के लिए 9263 मृदा जांच प्रयोगशालाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने के संबंध में 1562 ग्रामीण स्तरीय मृदा जांच परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।