एनवीआईडीआईए कॉरपोरेशन के अध्यक्ष और सह-संस्थापक जेन्सेन हुआंग के संबोधन में प्रधानमंत्री शामिल होंगे



नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

नीति आयोग 22 अक्टूबर, 2018 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में नीति व्याख्यान श्रृंखला के चौथे संस्करण का आयोजन कर रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी नीति व्याख्यान श्रृंखला के चौथे संस्करण में शामिल होंगे जिसमें एनवीआईडीआईए कॉरपोरेशन के अध्यक्ष और सह-संस्थापक जेन्सेन हुआंग द्वारा मुख्य संबोधन दिया जाएगा। इस वर्ष के व्याख्यान की विषय वस्तु है ‘सभी के लिए कृत्रिम असूचना : समग्र विकास के लिए कृत्रिम आसूचना को प्रोत्साहन देना’। केंद्रीय मंत्री, नीति निर्माता, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्य, सीईओ और वरिष्ठ अधिकारी इस व्याख्यान श्रृंखला में शामिल होंगे।

• एआई और एनआईटीआई

कृत्रिम आसूचना (एआई) मानवीय आसूचना को अनुरूप बनाने के लिए कंप्यूटर का उपयोग है। एआई हमारी संज्ञानात्मक योगताओं को बढ़ाता है ताकि हम उन समस्याओं का समाधान कर सकें जिनमें बहुत अधिक जटिलता है और उनके बारे में पूरी जानकारी नहीं है या विवरण इतना कम है कि विशेषज्ञ प्रशिक्षण की जरूरत है।

राष्ट्रीय रणनीति में एआई अनुसंधान और इसे अपनाने के लिए मजबूत पारिस्थितिकी को शामिल करने के लिए भारत के दृष्टिकोण को समाहित किया गया है। इस रणनीति को एआई फॉर ऑल का नाम दिया गया है, जिसमें सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति के अनुरूप समग्र विकास के लिए एआई को प्रोत्साहन देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

नीति आयोग ने सामाजिक विकास स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, स्मार्ट गतिशीलता, शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख और अधिक लाभ वाले क्षेत्रों में कृत्रिम असूचना के उपयोग के लिए गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम जैसे उद्योग दिग्गजों के साथ आशय के वक्तव्य (एसओआई) पर हस्ताक्षऱ किए है।

चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) केंद्र के शुभारंभ पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह रेखांकित किया कि नई तकनीक की प्रत्येक लहर के साथ, नए अवसर पैदा होते हैं। कृत्रिम असूचना के उदय से उत्पादकता में सुधार लाने में मदद मिलेगी और न्यायसंगत विकास को बढ़ावा मिलेगा

एआई का सभी और पूरे क्षेत्रों में उपयोग करने का लक्ष्य रखते हुए, नीति आयोग ने एआई के उपयोग में सफलता अर्जित करने के लिए ऐसी बाधाओं की पहचान की है जिन्हें दूर करने की जरूरत है। इनमें विशेषज्ञता की कमी, डेटा पारिस्थितिकी तंत्र की कमी, उच्च संसाधन लागत और कम जागरूकता, गोपनीयता और सुरक्षा मुद्दे तथा एआई को अपनाने और लागू करने के लिए सहयोगी दृष्टिकोण की अनुपस्थिति शामिल है।

एआई में अनुसंधान के महत्व को देखते हुए नीति आयोग ने अनुसंधान के महत्व और इसे व्यापारिक रूप से अपनाने के महत्व को देखते हुए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा है।

•एनआईटीआई व्याख्यान श्रृंखला

नीति व्याख्यान : ‘भारत को बदलना‘ का उद्घाटन नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त, 2016 को किया था तब से इसका प्रति वर्ष आयोजन किया जा रहा है। इसमें दुनिया भर के प्रसिद्ध वक्ता भाग लेते हैं। 'भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था' विषय पर पहला महत्वपूर्ण संबोधन सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री श्री थर्मन शनमुगरातम ने दिया था। बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने 'प्रौद्योगिकी और परिवर्तन' विषय पर दूसरा महत्वपूर्ण व्याख्यान 16 नवंबर, 2016 को दिया था। 25 मई, 2017 को हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में बिशप विलियम लॉरेंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ• माइकल पोर्टर ने 'राष्ट्रों और राज्यों की प्रतिस्पर्धात्मकता: नई अंतर्दृष्टि' शीर्षक पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया था।

भारत को विकास नीति में अत्याधुनिक, अभिनव विचारों से परिपूर्ण करने की दृष्टि से नीति व्याख्यानों में सरकार के शीर्ष निर्णय निर्माता इन व्याख्यानों में शामिल होते हैं जिनमें मंत्रालयों के सदस्य तथा मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। इन व्याख्यानों के माध्यम से नीति आयोग विश्व स्तर के प्रतिष्ठित नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और प्रशासकों को भारत में आंमत्रित करता है। इन श्रृंखला का उद्देश्य पूरे विश्व के सफल विकास से केंद्र और राज्यों दोनों को जानकारी प्राप्त करने में सक्षम बनाना है।

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