अश्विनी कुमार चौबे ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल-2018 की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट जारी की



पटना, 15 अक्टूबर 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शनिवार 13 अक्टूबर को पटना में स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय के तत्वाधान में केन्द्रीय स्वास्थ्य आसूचना ब्यूरो (सीबीएचआई) द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल-2018 की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट जारी की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य में मानव संसाधनों के बारे में व्यापक जानकारी के साथ-साथ जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, स्वास्थ्य स्थिति और स्वास्थ्य वित्त संकेतकों को शामिल किया गया है। सीबीएचआई वर्ष 2005 से ही हर साल राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल को प्रकाशित कर रहा है। यह प्रोफाइल का 12वां संस्करण है।

अपने संबोधन में श्री चौबे ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी)-2015 की ई-बुक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को अर्जित करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संसाधन रिपोजिटरी (एनएचआरआर) के शुभारंभ के बारे में सबूत आधारित योजना की महत्वपूर्ण जरूरत सभी सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों के प्रामाणिक, मानकीकृत और नवीनतम भू-स्थानिक आंकड़ों की देश की पहली स्वास्थ्य देखभाल सुविधा की रजिस्ट्री है।

इस अवसर पर अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव संजीव कुमार ने कहा कि डेटा देश के स्वास्थ्य सूचकों को समझने के लिए ही महत्वपूर्ण नही है, बल्कि ये स्थिति की निगरानी करने का अवसर भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल-2018 की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट यह दर्शाती है कि देश के विभिन्न स्वास्थ्य परिणामों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो एक उत्साहजनक संकेत है। एनएचआरआर का विजन परियोजना सबूत आधारित निर्णय लेने के कार्य को मजबूत बनाना और एक मजबूत मानकीकृत तथा सुरक्षित सूचना प्रौद्योगिकी से युक्त स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों की रिपोजिटरी का सृजन करके नागरिकों और प्रदाता केन्द्रित सेवाओं के लिए एक मंच को विकसित करना है। एनएचआरआर रेलवे, ईएसआईसी, रक्षा और पेट्रोलियम, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों सहित निजी और सार्वजनिक देखभाल प्रतिष्ठानों की व्यापक जानकारी के लिए एक प्रमुख मंच होगा।

केन्द्रीय स्वास्थ्य आसूचना ब्यूरो ने प्रमुख संघों, सहयोगी मंत्रालयों और अनेक निजी स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदाताओं सहित महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से काम किया है। यह संसाधन रिपोजिटरी स्वास्थ्य के लिए बीमारी और पर्यावरण जैसे स्वास्थ्य के अन्य निर्धारकों से पैदा होने वाली स्वास्थ्य चुनौतियों के बारे में उन्नत अनुसंधान करने में सक्षम बनाएगी। लगभग 4,000 प्रशिक्षित पेशेवर जानकारी संग्रह के लिए प्रत्येक स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठान तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। एनएचआरआर आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन (एबी-एनएचपीएम) और केन्द्रीय टीबी डिवीजन (सीटीडी) के साथ मिलकर काम करेगा। एनएचआरआर परियोजना में अस्पतालों, डॉक्टरों, क्लिनिकों, ब्लड बैंकों, फार्मेसियों, निदान परियोगशालाओं सहित सभी सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के लिए राष्ट्रीय जनगणना आयोजित करना शामिल हैं।

एनएचआरआर परियोजना के प्रमुख अपेक्षित परिणाम निजी डॉक्टरों, स्वास्थ्य सुविधाओं, कैमिस्टों और नैदानिक प्रयोगशालाओं सहित सभी स्वास्थ्य संसाधनों के बारे में व्यापक आंकड़े उपलब्ध कराना और डिजिटल इंडिया मिशन के साथ सबूत आधारित निर्णय लेने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संसाधन रिपोजिटरी स्थापित करना है। राष्ट्रीय जनगणना में एकत्र की गई जानकारी को गोपनीय रखा जाएगा और केवल सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए ही इसका उपयोग किया जाएगा। बिहार राज्य के लिए एनएचआरआर जनगणना के डेटा संग्रह की प्रगति की समीक्षा राज्य मंत्री के समक्ष की गई, जिसमें यह बताया गया कि 13 जिलों में डेटा संग्रह पूरा हो गया है और बाकी 25 जिलों में भी यह काम नवंबर, 2018 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

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