बंगाल : चुनावों से पहले प्रदेश कांग्रेस में फेरबदल, सोमेन मित्र बने अध्यक्ष



---रंजीत लुधियानवी, कोलकाता, 21 सितम्बर 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले पार्टी की प्रदेश शाखा में भारी फेरबदल करते हुए अधीर रंजन चौधरी की जगह वरिष्ठ नेता सोमेंद्र नाथ मित्र को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पार्टी सूत्रों ने यहां बताया कि अधीर को जहां अंदरुनी असंतोष का सामना करना पड़ रहा था वहीं वे प्रस्तावित विपक्षी महागठबंधन में तृणमूल कांग्रेस को साथ लेने के भी विरोधी थे। आलाकमान ने चौधरी को कांग्रेस की अभियान समिति का अध्यक्ष बना दिया है।

राहुल गांधी ने मित्र व चौधरी की भूमिकाओं में फेरबदल के अलावा प्रदीप भट्टाचार्य को समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया है। इसके अलावा शंकर मालाकार, नेपाल महतो, अबू हाशेम खान चौधरी और दीपा दासमुंशी को पार्टी की प्रदेश शाखा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है।

लोकसभा के पूर्व सांसद मित्र राज्य में पार्टी के वरिष्ठतम कांग्रेसी नेताओं में शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने आलाकमान को पत्र भेज कर प्रदेश की कमान मित्र को सौंपने का अनुरोध किया था। उसके बाद ही राहुल गांधी ने उनको अध्यक्ष बनाने का फैसला किया। वर्ष 2008 में पार्टी के तत्कालीन नेतृत्व से मतभेदों के बाद मित्र ने पार्टी से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने वर्ष 2009 में प्रगतिशील इंदिरा कांग्रेस की स्थापना की थी। कुछ महीने बाद ही तृणमूल कांग्रेस में उसका विलय हो गया। लेकिन वर्ष 2014 में मित्र फिर कांग्रेस में लौट आए थे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी को पार्टी की घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष बनाया है। संतोष पाठक को इस समिति का संयोजक बनाया गया है। इसके अलावा अमिताभ चक्रवर्ती को संवाद समिति का अध्यक्ष और शुभंकर सरकार को समन्वय समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है।

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि अधीर चौधरी को पार्टी में काफी असंतोष व गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा था। इसके साथ ही उनको तृणमूल कांग्रेस का कट्टर आलोचक माना जाता है। वे कई बार सार्वजनिक तौर पर तृणमूल कांग्रेस के साथ हाथ नहीं मिलाने की बात कह चुके हैं। लेकिन अगले साल आम चुनावों से पहले गैर-भाजपाई दलों के प्रस्तावित गठबंधन के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की सक्रियता और सोनिया व राहुल से उनकी नजदीकियों को ध्यान में रखते हुए चौधरी की जगह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्र को एक बार फिर प्रदेश की कमान देना जरूरी हो गया था।

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