श्रावण मास में युवा स्वाभिमान समावेश रैली : अमित शाह गरजे भी बरसे भी



कोलकाता, 11 अगस्त 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

कई दसक देश की राजनीति में अपना लोहा मनवाने वाली भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी को सत्ता से बेदखल कर आज भारतीय जनता पार्टी केन्द्र सरकार का नेतृत्व कर रही है। पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक ओर जहां वामफ्रन्ट ने भी कई दसकों तक शासन का अधिकार अपने पास रखा वहीं ममता बनर्जी नेतृत्व वाली तृणमूल काँग्रेस ने भी वामफ्रन्ट के शासन को चुनौती देते हुए संघर्ष कर धूल चटाते हुए उसे सत्ता से बेदखल कर दिया व इतिहास रच डाला जिसमें सिंगुर व नन्दीग्राम आन्दोलनों ने मुख्य किरदार निभाया था। आज बंगाल में न ही वामफ्रन्ट और न ही भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस राजनीति के क्षेत्र में चर्चा का विषय है। यहाँ बस मात्र तृणमूल काँग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने सासने है। कहने सुनने को जरूर मिल जाता है कि एक के पास जय श्री राम है जिसे सांप्रदायिक राजनीति का संज्ञान दिया जाता है तो दूसरे के पास एक समुदाय का विशेष प्रेम व सहारा है जिसे तुस्टीकरण की राजनीति का संज्ञान दिया जाता है। गौर फरमाए तो राजनीति ही असल खल है!

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की बंगाल में उपस्थिति एक ओर जहाँ भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश व उत्साह का संचार करती होगी वहीं भाजपा विरोधी दलों के एड़ी से लेकर चोटी तक के कार्यकर्ताओं का खून भी बहुत जलाती होगी। सत्ता पर काबिज होना व उसे बरकरार रखना भी चुनौती है साहेब।

2019 नजदीक है। लोकसभा चुनाव जो होना है। देश के लगभग 70 फीसदी आबादी पर भाजपा सरकार का छत्रछाया है। साथ साथ ‘मिशन बंगाल’ पर ध्यान व नजर 2019 के लोकसभा चुनाव पर है। 42 लोकसभा सीटों वाले बंगाल राज्य में सियासी संघर्ष भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल काँग्रेस के बीच होना तय है। 22 सीटें जीतने के लक्ष्य को लेकर अमित शाह ने राज्‍य का दौरा जारी रखा है।

कोलकाता के मेयो रोड में शनिवार 11 अगस्त 2018 को आयोजित "युवा स्वाभिमान समावेश" रैली में लोगों को संबोधित करते हुए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि रैली में लोगों की भीड़ इस बात का संकेत है कि पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी का शासन खत्म होने जा रहा है। राज्य में लॉ एण्ड ऑर्डर खत्म कर दिया है। यहाँ अपराधियों का बोलबाला है। जब तक ममता बनर्जी को बंगाल से बेदखल नहीं किया गया तब तक बीजेपी की 19 राज्यों में सरकार बेमानी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल की विरोधी कैसे हो सकती है, जबकि हमारी पार्टी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल से ही थे। बीजेपी बंगाल विरोधी नहीं, ममता विरोधी है। ममता सरकार जब से आई है, चारों ओर भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है, कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हैं, कारखाने बंद हो रहे हैं। बम बनाने के कारखाने खुल रहे हैं, अपराध के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं।

उन्होंने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर "एनआरसी" को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ममता सरकार वोट बैंक के लिए बांग्लादेशियों का बचाव कर रही है। एनआरसी पर वोट बैंक की पॉलिटिक्स हो रही है। बंगाल की सलामती के लिए एनआरसी ही एक तरीका है। हम बंगाल से घुसपैठियों को भगाएंगे, शरणार्थियों को नहीं। बीजेपी की सरकार ईमानदार, सख्त कानून व्यवस्था वाली और पश्चिम बंगाल को पुरानी सांस्कृतिक पहचान दिलाने वाली होगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ममता बनर्जी या राहुल गाँधी की कोशिशों से एनआरसी की प्रकिया नहीं रुकेगी। उन्होंने कहा कि एनआरसी घुसपैठियों को भगाने के लिए है। न्यायिक तरीके से इसे लागू किया जाएगा। न तो ममता बनर्जी इसे रोक सकती हैं और न ही राहुल गाँधी। अमित शाह ने बताया कि एनआरसी को असम रिकॉर्ड के तहत बनाया गया है, जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने किया था। उस वक्त काँग्रेस ने इसका विरोध नहीं किया और आज वोट बैंक के लिए काँग्रेस इसका विरोध कर रही है। अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी के शासन में घुसपैठ नहीं रोका गया तो पश्चिम बंगाल सलामत नहीं है। घुसपैठ रोकने का आसान तरीका एनआरसी है।

अमित शाह ने तृणमूल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल में हुए पंचायत चुनावों में विपक्षी उम्मीदवारों को उतरने ही नहीं दिया गया। उम्मीदवारों का निर्विरोध चुने जाने का भी रिकॉर्ड बना दिया गया। भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं को मार दिया गया, इसके बावजूद पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया जो आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि काँग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टियां और तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल की जनता ने मौका दिया लेकिन ये राज्य का विकास नहीं कर सके। केंद्र की ओर से दिए गए हजारों करोड़ों रुपये के पैकेज को भतीजे और सिंडिकेट की सरकार ने गांव के लोगों तक नहीं पहुँचने दिया। दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन बंद कर दिया गया, स्कूलों में सरस्वती पूजा रोक दी गई। अगर बीजेपी की सरकार आई तो हर हाल में इन्हें किया जाएगा। अगर अगली बार दुर्गा पूजा रोकी गई तो बीजेपी के कार्यकर्ता ममता बनर्जी के सचिवालय की ईंट से ईंट बजा देंगे।

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