उत्‍तराखंड में 15 एसटीपी परियोजनाओं का काम पूरा, 16 अन्‍य परियोजनाओं पर तेजी से हो रहा काम



नई दिल्ली/उत्तराखण्ड, 31 जुलाई 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

केन्‍द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गड़करी ने उत्‍तराखंड में नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा की और इससे जुड़े सभी अधिकारियों और ठेकेदारों को दिसंबर 2018 तक सभी जल-मल शोधन संयंत्रों (एसटीपी), घाटों और शवदाह गृहों का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। समीक्षा बैठक कल नई दिल्‍ली में हुई।

जल संसाधन मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि परियोजनाओं का काम आसानी से पूरा करने के लिए अधिकारियों को राज्‍य सरकार, जिला प्रशासन और नगर-निगम के साथ पूरा सहयोग करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि बिहार और पश्चिम बंगाल की सरकारें घरों से जल से सीवर निकासी (एचएससी) के लिए लोगों को वित्‍तीय मदद दे रही है। उन्‍होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे इस संबंध में उत्‍तराखंड सरकार से बात करें और एचएससी को मुख्‍य सीवर लाइन से जितनी जल्‍द हो सके जोड़ें।

उत्‍तराखंड के लिए मंजूर की गई 31 एसटीपी परियोजनाओं में से 15 का काम पूरा हो चुका है और बाकी 16 परियोजनाओं का काम प्रगति पर है। वर्ष 2035 तक उत्‍तराखंड में कुल 122 एमएलडी सीवरेज निकलने का अनुमान है, जबकि राज्‍य की जल-मल शोधन क्षमता फिलहाल 97.7 एमएलडी है। ऐसे में एसटीपी की जिन परियोजनाओं पर काम चल रहा है, उनके पूरा हो जाने से राज्‍य की जल-मल शोधन क्षमता 131.7 एमएलडी हो जाएगी।

हरिद्वार में ऐसी चार परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। इनमें जगजीतपुर और सवई की आईएंडडी परियोजना, जगजीतपुर की एसटीपी परियोजना तथा अरिहंत विहार और कनखल के न्‍यू विष्‍णु गार्डन की सीवर नेटवर्क परियोजना शामिल है। हरिद्वार से 74 एमएलडी जल-मल की निकासी होती है, जबकि शहर की सीवरेज शोधन क्षमता केवल 63 एमएलडी है। ऐसे में मौजूदा परियोजनाओं के पूरा हो जाने से शहर की जल-मल शोधन क्षमता में 82 एमएलडी का इजाफ होगा और यह बढ़कर 127 एमएलडी हो जाएगी।

उत्‍तराखंड में अन्‍य निर्माणाधीन परियोजनाओं में मुनि की रेती में एक एसटीपी और एक आईएंडडी, ऋषिकेश में दो एसटीपी, टिहरी में ओएंडएम का कार्य, उत्‍तरकाशी में एसटीपी संयंत्रों का उन्‍नयन, श्रीनगर में एक एसटीपी और एक आईएंडडी का निर्माण तथा एक का उन्‍नयन और रूद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, चमोली, गोपेश्‍वर, जोशीमठ और बद्रीनाथ की एसटीपी और आईएंडडी परियोजनाएं शामिल हैं।

नये एसटीपी संयंत्र बनाए जाने और पुराने संयंत्रों के उन्‍नयन के अलावा राज्‍य में 21 घाट और 22 शवदाह गृह बनाने का भी काम चल रहा है। इनमें से 10 घाट और 9 शवदाह गृह बनाए जा चुके हैं और बाकी के घाट और शवदाह गृह इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएंगे।

बैठक में उपस्थित सभी ठेकेदारों ने श्री गड़करी को आश्‍वस्‍त किया कि इन परियोजनाओं के संबंध में किसी तरह की नियामक मंजूरी, अनुमति और औपचारिकताएं लंबित नहीं हैं तथा बरसात का मौसम खत्‍म होते ही इनका काम तेजी से शुरू कर दिया जाएगा और दिसंबर 2018 तक इन्‍हें पूरा कर लिया जाएगा। श्री गड़करी को यह भी बताया गया कि चट्टाने काटने और पहाड़ों की ढलाने होने की वजह से कुछ स्‍थानों पर परियोजना के काम में देरी हो सकती है।

श्री गडकरी ने सुझाव दिया कि देहरादून और हरिद्वार में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले दूषित जल का इस्‍तेमाल सिंचाई के लिए करने की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए।

बैठक में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्‍य मंत्री डॉ• सत्‍यपाल सिंह, मंत्रालय में सचिव यू• पी• सिंह, राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा के अलावा मंत्रालय और उत्‍तराखंड के कई वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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