नारनौल, 22 जुलाई 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
वर्तमान समय में बदलती जीवनशैली और तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन के बढ़ते प्रभाव से बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसमें खासकर कैंसर सहित अन्य बीमारियों का सर्वाधिक प्रभाव है। यह जानकारी मिनी सचिवालय के सभागार में संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ), फोर्टिस फाउंडेशन व पुलिस की और से रविवार को तंबाकू के दुष्प्रभाव व कोटपा पर जागरुकता कार्यशाला में निकलकर सामने आई। जिला पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल के निर्देश पर हुई इस कार्यशाला में सभी पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक व पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
डीएसपी महेश कुमार ने बताया कि दिन प्रतिदिन जो माहौल में बदलाव आ रहा है उसमें अच्छाई के साथ बुराई भी होती है और इसको समय पर समझना जरुरी है। खासतौर पर युवा वर्ग को जो कि तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का उपयोग किसी न किसी रुप में करते है जो कि इनके विकास में भी बाधक है। ये नशे शारीरिक व मानसिक रुप से बड़ा प्रभाव डालते है। इसलिए युवाओं को इससे दूर रहना चाहिए। इसके लिए उन्होने समस्त पुलिस अधिकारियों से सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (केाटपा) की गाइडलाइन का सभी पुलिसथानों में पालन करने को कहा।
उन्होने कहा कि वर्तमान में सबड़े बड़ा चैलेंज पेसिव स्मोकिंग है। पेसिव स्मोकिंग किस तरह से आपकी जिंदगी को प्रभावित करती है इस पर भी जानकारी दी। सभी को स्वस्थ वातावरण और स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार है। इसलिए जो लेाग सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करतें है, उससे पर्यावरण दूषित हेाता है और जबकि नाॅन स्मोकर को भी स्वच्छ हवा लेने का संवैधानिक अधिकार है, इसलिए हम सभी का मौलिक कर्तव्य है कि उनके अधिकारों का हनन नही हो। इसके लिए सभी को मिलकर सामूहिक रुप से प्रयास करनें होंगे, तभी सभी को स्वच्छ वातावरण मिल पायेगा। सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट इत्यादि का सेवन करने से नाॅन स्मोकर को बहुत अधिक नुकसान होता है। इसके लिए सभी को साथ मिलकर इस अभियान में सहयेाग करना होगा, तभी हम इस सिटी को स्वच्छ और स्वस्थ बना पाएंगे।
• पुलिस अधिकारियों ने ली शपथ
इस दौरान डीएसपी महेश कुमार ने समस्त उपिस्थत पुलिस अधिकारियों को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों को न लेने की शपथ दिलाई। शपथ के बाद सभी अधिकारियों ने हमेशा इस संकल्प को याद रखने व युवाओं को इससे बचाने का भी भरोसा दिलाया।
कोटपा एक्ट की धारा 4, 5, 6अ, 6ब, 7 व (किशोर न्याय अधिनियम) जेजे एक्ट के बारे में जानकारी दी गई और बताया गया कि सार्वजनिक स्थानों पर कोटपा एक्ट में की जाने वाली कार्यवाही का प्रभावी असर सामने आता है। इसलिए पुलिस के द्वारा चलाए जाने वाले अभियान में इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही हो।
बताया गया कि शिक्षण संस्थाअेां के आस पास एक सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। इसलिए शिक्षण संस्थाओं के आस पास भी इसी अभियान के दौरान कार्यवाही की जायेगी।
• ये है सार्वजनिक स्थल : सार्वजनिक स्थान जैसे शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालय, अस्पताल, स्टेडियम, होटल, शॉपिंग मॉल, कॉफी हाउस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, सभागृह, लोक परिवहन, शिक्षण संस्थान, टी-स्टॉल, ढाबा और अन्य सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। इन स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर 200 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।