देहरादून, 10 जुलाई 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।
• अनंत कुमार ने देहरादून में ‘सिपेट : कौशल विकास एवं
• तकनीकी सहायता के लिए केंद्र (सीएसटीएस)’ का उद्घाटन किया और दोइवाला में सिपेट की नई इमारत की आधारशिला रखी
केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक और संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने आज देहरादून स्थित आईटीआई भवन में ‘सिपेट : कौशल विकास एवं तकनीकी सहायता के लिए केंद्र (सीएसटीएस)’ का उद्घाटन किया और इसके साथ ही उन्होंने देहरादून के दोइवाला में सिपेट (केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान) की नई इमारत की आधारशिला रखी। इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में जो अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे उनमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और हरिद्वार के सांसद मेश पोखरियाल निशंक भी शामिल थे। सिपेट : सीएसटीएस, देहरादून देश में सिपेट का 32वां केन्द्र है।
अनंत कुमार ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए यह बात रेखांकित की कि अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले बुनियादी कच्चे माल में 50 प्रतिशत से भी अधिक मात्रा प्लास्टिक की ही होती है, चाहे वह साधारण चम्मच हो अथवा बुनियादी ढांचागत क्षेत्र या ऑटोमोबाइल अथवा एयरोस्पेस या उन्नत जैव चिकित्सा उपकरणों का निर्माण कार्य हो। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जहां कहीं भी प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है वहां सिपेट में प्रशिक्षित तकनीकी श्रम बल को रोजगार अवश्य मिलेगा।
सिपेट देहरादून में प्रशिक्षण संबंधी विवरण देते हुए अनंत कुमार ने बताया कि पहले ही वर्ष में 1500 विद्यार्थियों को दाखिला मिल जाएगा। यह संख्या दूसरे वर्ष में बढ़कर 2500 के आंकड़े को छूने लगेगी। तीसरे वर्ष में 3000 विद्यार्थियों को सिपेट देहरादून में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार के सहयोग से हम निकट भविष्य में प्लास्टिक इंजीनियरिंग में बी.टेक पाठ्यक्रमों का शुभारंभ करने का प्रयास करेंगे।’ मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि वर्ष 2014 तक सिपेट के 23 केन्द्र कार्यरत थे जो लगभग 40,000 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दे रहे थे। अब सिपेट प्रति वर्ष 1,00,000 टेक्नीशियन तैयार कर रहा है और पिछले चार वर्षों में इनकी कुल संख्या 2.5 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि सिपेट के इस स्वर्ण जयंती वर्ष में हम समूचे भारत में सिपेट के केन्द्रों की कुल संख्या को बढ़ाकर 50 के पार ले जाएंगे। इस अवसर पर मैं उत्तराखंड में सिपेट के एक और केन्द्र को प्रस्तावित करता हूं।’
प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग के वर्तमान परिदृश्य में पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने पर सरकार के विशेष जोर का उल्लेख करते हुए श्री अनंत कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार ने निकट भविष्य में स्वाभाविक तरीके से नष्ट होने वाले (बायोडिग्रेडेबल) प्लास्टिक को आम उपयोग में लाने के अपने लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में अच्छी प्रगति की है। मंत्री महोदय ने उत्तराखंड के सितारगंज में एक प्लास्टिक पार्क की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपये का आवंटन करने की घोषणा की जहां अन्य इकाइयों या यूनिटों के अलावा एक प्लास्टिक अपशिष्ट रिसाइक्लिंग यूनिट भी होगी जो राज्य में प्लास्टिक अपशिष्ट की बढ़ती मात्रा से निपटने में मददगार साबित होगी। मंत्री महोदय ने कहा कि यह पार्क उत्तराखंड के 5000 से भी ज्यादा लोगों के लिए रोजगार सृजित करेगा।
इस अवसर पर कुछ अन्य घोषणाएं करते हुए श्री अनंत कुमार ने कहा कि राज्य में स्थित इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (आईडीपीएल) के पास बेकार पड़ी 833.25 एकड़ अतिरिक्त भूमि को उत्तराखंड के लोगों के कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दी गई है। इसके अलावा, उत्तराखंड में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के केन्द्रों की स्थापना की दिशा में हुई प्रगति पर अत्यंत खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि दो साल पहले इस राज्य के लिए 100 पीएमबीजेपी केन्द्रों का जो लक्ष्य रखा गया था वह पार हो चुका है और 106 स्टोरों की स्थापना पहले ही हो चुकी है। इसे ध्यान में रखते हुए मंत्री महोदय ने राज्य में जल्द ही 100 और पीएमबीजेपी केन्द्रों की स्थापना करने की घोषणा की है।
इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह माना कि तकनीकी कौशल हासिल करना और आगे रोजगार प्राप्त करना उत्तराखंड में एक बड़ा मसला है। उन्होंने कहा कि सिपेट इस राज्य के विद्यार्थियों के लिए एक वरदान साबित होगा क्योंकि यह इस संस्थान से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद प्लास्टिक उद्योगों में गारंटीड रोजगार अवसर मुहैया करायेगा। श्री रावत ने यह भी कहा कि सिपेट से पास होने वाले टेक्नीशियनों को वेतन के रूप में औसतन लगभग 30,000 रुपये मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने आईडीपीएल की भूमि राज्य को दिलाने के लिए केन्द्रीय मंत्री का धन्यवाद किया। इस भूमि के लिए उत्तराखंड सरकार पिछले 18 वर्षों से प्रयास कर रही थी। सितारगंज में प्लास्टिक पार्क की स्थापना करने एवं 100 और पीएमबीजेपी केन्द्रों की स्थापना करने के बारे में की गई घोषणाओं के लिए भी मुख्यमंत्री ने श्री अनंत कुमार का धन्यवाद किया।
भारत सरकार के रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के अधीन देहरादून में ‘सिपेट:सीएसटीएस’ की स्थापना पर कुल मिलाकर 51.32 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसके लिए भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार 50:50 के आधार पर वित्त पोषण करेगी।
इस अवसर पर भारत सरकार के रसायन एवं पेट्रोरसायन सचिव श्री पी. राघवेन्द्र राव, उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह और केन्द्र एवं राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण तथा प्लास्टिक बिरादरी के अनेक सदस्य भी उपस्थित थे।