मुस्लिम युवक ने मंदिर बनाने के लिए 3 लाख रुपए की राशि दान की



---रंजीत लुधियानवी, हावड़ा, 15 जून 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

हाल में एक टीवी पर सवाल-जवाब वाले एक कार्यक्रम में बताया गया है कि देश में 75 फीसद लोग दूसरे धर्म के त्योहार में शामिल होते हैं। हावड़ा जिले की चर्चा एकाध साल से धुलागढ़ को लेकर की जाती है, जब दो समुदाय में झड़पें हुई थी। लेकिन इसी जिले में धुलागढ़ से महज कुछ किलोमीटर दूर डोमजूड़ में एक मुस्लिम युवक ने मंदिर बनाने के लिए तीन लाख रुपए की राशि दान की क्योंकि गांव वालों के पास मंदिर बनाने के लिए पैसे नहीं थे।

सूत्रों ने बताया कि धुलागढ़ में खसमोया दीघीपाड़ गांव में जब लोगों के पास मंदिर बनाने के लिए पैसे नहीं थे, उलबेड़िया के कांटाबेड़िया के सैय्यदुल शेख ने तीन लाख रुपए का अनुदान मंदिर बनाने के लिए दिया। पेशे से इंजीनियर शेख के मुताबिक गांव में लोग मंदिर बनाना चाहते थे, लेकिन आर्थिक संकट के कारण ऐसा नहीं हो रहा था। जब इस बारे में मुझे पता चला, तय किया कि क्षमता के मुताबिक मदद करूंगा।

मालूम हो कि कुवैत में काम करने वाला शेख बीते दो साल से आस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में रह रहा है। हाल में ईद की छुट्टियां मनाने के लिए गांव लौटने पर उलबेड़िया के एक रेस्टोरेंट में उक्त गांव के विनय चक्रवर्ती के साथ परिचय हुआ। बातचीत के दौरान उसने बताया कि गांव वाले मंदिर बनाना चाहते हैं लेकिन पैसों की कमी के कारण यह सपना पूरा नहीं हो रहा है। गांव हिंदु बहुल है और ज्यादातर किसान रहते हैं। यहां ब्रह्म पूजा की जाती है और हर साल पूर्णिमा के मौके पर उत्सव होता है। लेकिन ब्रह्म का मंदिर जैसे ईटों से घेरा गया एक गलियारा जैसा लगता है। गांव वालों का सपना था कि यहां मंदिर बनाया जाए, लेकिन लोगों की आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि मंदिर का निर्माण कर सकें। उसने कहा कि वह जितना हो सकेगा, उतनी मदद करेगा जिससे गांव वालों का सपना पूरा हो गया।

आंदुल के राजा बनर्जी ने फेसबुक पर आमरा फैमिली नामक एक ग्रूप बनाया है। इस ग्रूप की ओर से रविवार को सांतरागाछी में मिलन मेला मंच का आयोजन किया गया था। इस दौरान शेख ने तीन लाख रुपए का चेक गांव वालों को प्रदान किया। धुलागढ़ और बादुरिया की हिंसक घटनाओं के बाद हम लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द मजबूत करने के लिए एक ग्रूप बनाया था। बीते साल भी ईद के पहले हम लोगों ने कार्यक्रम किया था। इस साल शेख की ओर से मंदिर को दी जाने वाली राशि के बारे में पता चलने पर हमने उसे मनाया कि मिलन मेला मंच से वह चेक प्रदान करे, जिससे ज्यादा लोगों को इस मिसाल के बारे में पता चल सके। बाद में सभी लोगों की ओर से एक साथ इफ्तार का आयोजन किया गया।

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