प्रधानमंत्री जम्‍मू और श्रीनगर में जोजिला सुरंग और रिंग रोड की आधारशिला रखेंगे



नई दिल्ली, 18 मई 2018, इंडिया इनसाइड न्यूज़।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 19 मई 2018 को लेह के जाइव-स्‍तल में श्रीनगर-लेह राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर जोजिला सुरंग का कार्य शुरू करने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। वह श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्‍मीर इंटरनेशनल कांफ्रेंस सेंटर (एसकेआईसीसी) और जम्‍मू में जनरल जोरावार सिंह ऑडिटोरियम में अलग-अलग कार्यक्रमों में श्रीनगर रिंग रोड और जम्‍मू रिंग रोड की आधारशिला रखेंगे। इस अवसर पर केन्‍द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सरंक्षण मंत्री नितिन गड़करी भी मौजूद रहेंगे।

14 किलोमीटर लम्‍बी जोजिला सुरंग भारत की सबसे लम्‍बी सड़क सुरंग और एशिया की सबसे लम्‍बी दो विपरीत दिशाओं वाली सुरंग होगी। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने इस वर्ष के शुरू में 6800 करोड़ रुपये की कुल लागत से एनएच-1ए के श्रीनगर-लेह सेक्‍शन पर बालटाल और मीनामार्ग के बीच निर्गम सुरंग के साथ दो विपरीत दिशाओं वाली दो लेन की सुरंग के निर्माण, परिचालन और रख-रखाव की मंजूरी दे दी थी।

इस सुरंग के निर्माण से श्रीनगर, कारगिल और लेह के बीच हर मौसम में संपर्क प्रदान किया जा सकेगा। यह मार्ग वर्ष के अधिकांश हिस्‍से में बर्फ से ढका रहता है और अक्‍सर यहां बर्फीले तूफान आते हैं। इसके कारण लद्दाख क्षेत्र के स्‍थानों के लिए सड़क संपर्क में लम्‍बे समय तक बाधा आती है,जिससे लोगों तक आवश्‍यक आपूर्ति पहुंचाने में दिक्‍कत आती है, व्‍यवसाय ठप्‍प हो जाता है, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा और शिक्षा प्रभावित होती है। इस सुरंग के बन जाने से हर मौसम में इस क्षेत्र के लोगों को संपर्क प्रदान कर राहत दी जा सकेगी। इससे जोजिला दर्रे को पार करने के लिए वर्तमान में लगने वाले साढ़े तीन घंटे की अवधि सिर्फ 15 मिनट रह जाएगी और गाड़ी चलाना सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगा।

सुरंग के निर्माण से इस क्षेत्र के चौतरफा आर्थिक और सामाजिक-सांस्‍कृतिक एकीकरण की उम्‍मीद है। निर्माण के दौरान प्रत्‍यक्ष नौकरियां सृजित होने के साथ, आर्थिक वृद्धि में तेजी के कारण इससे बड़े पैमाने पर अप्रत्‍यक्ष और अनपेक्षित नौकरियां मिलेंगी। सरकार जम्‍मू-कश्‍मीर में सुरंग बनाने से जुड़ी नौकरियों के लिए कुशल श्रम-बल के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस परियोजना का रणनीतिक और सामाजिक-आर्थिक महत्‍व है और यह जम्‍मू-कश्‍मीर के आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों के विकास में साधक होगा।

जोजिला सुरंग की योजना एक स्‍मार्ट सुरंग के रूप में बनाई गई है। इसमें आधुनिकतम सुरक्षा विशेषताएं जैसे पूरी तरह अनुप्रस्‍थ वायु संचार प्रणाली, लगातार बिजली की आपूर्ति, सुरंग में आपात रोशनी, सीसीटीवी, निगरानी, परिवर्तनशील संदेश संकेत, ट्रैफिक लॉगिंग उपकरण, अधिक ऊंचाई वाले वाहनों की पहचान, सुरंग रेडियो प्रणाली आदि की व्‍यवस्‍था होगी। इसमें प्रत्‍येक 250 मीटर पर पैदल और मोटर से चलने वाले यात्रियों के लिए पार करने के रास्‍तों की व्‍यवस्‍था होगी और प्रत्‍येक 750 मीटर पर बचाव स्‍थल होंगे। इसमें प्रत्‍येक 125 मीटर पर आपात स्थिति पर टेलीफोन और दमकल कैबिनेट भी उपलब्‍ध होंगे।

श्रीनगर और जम्‍मू में रिंग रोड का उद्देश्‍य इन शहरों में यातायात की भीड़भाड़ को कम करना और सड़क यात्रा को सुरक्षित, तेज, अधिक सुविधाजनक तथा अधिक पर्यावरण अनुकूल बनाना है।

चार लेन वाली 42.1 किलोमीटर लम्‍बी श्रीनगर रिंग रोड पश्चिमी श्रीनगर के गलंदर को सुम्‍बल से जोड़ेगी। 1860 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह सड़क श्रीनगर से कारगिल और लेह के लिए एक नया मार्ग प्रदान करेगी तथा यात्रा समय कम करेगी। इसमें एक बड़ा पुल, तीन फ्लाईओवर, 23 सुरंगें और 2 मार्ग सेतु होंगे।

चार लेन वाली 58.25 किलोमीटर लम्‍बी जम्‍मू रिंग रोड 2023.87 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है। यह जगाती (पश्चिमी जम्‍मू) को रायमोड़ से जोड़ेगी। इस मार्ग में 8 बड़े पुल,6 फ्लाईओवर, 2 सुरंग और 2 मार्ग सेतु होंगे।

प्रधानमंत्री श्रीनगर के शेरे-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (एसकेआईसीसी) में 330 मेगावाट का कृष्णगंगा जल विद्युत स्टेशन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री श्रीनगर रिंग रोड की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रधानमंत्री जम्मू में जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में पकुल डल बिजली परियोजना और जम्मू रिंग रोड की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ताराकोट मार्ग और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सामग्री रोपवे का भी उद्घाटन करेंगे। ताराकोट मार्ग से वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को मदद मिलेगी।

श्रीनगर और जम्मू में रिंग रोड बनाने का उद्देश्य इन शहरों में ट्रैफिक भीड़भाड़ कम करना तथा सड़क आवागमन को सुरक्षित, तेज और अधिक सुविधाजनक तथा पर्यावरण अनुकूल बनाना है।

प्रधानमंत्री शेरे-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू के दीक्षांत समारोह में भी शामिल होंगे।

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