अफगानिस्तान के द्वितीय उपराष्ट्रपति मोहम्मद सरवर दानिश के साथ उपराष्ट्रपति की बातचीत



● हमें अपने पड़ोसी द्वारा आतंकवाद को राज्य के समर्थन की नीति का सक्रिय रूप से विरोध करना चाहिए : एम• वेंकैया नायडू 

12 दिसम्बर। उपराष्ट्रपति एम• वेंकैया नायडू ने दौरे पर आए अफगानिस्तान इस्लामिक राजतंत्र के द्वितीय उपराष्ट्रपति मोहम्मद सरवर दानिश के साथ बातचीत की।

अपनी बैठक के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने हाल ही में भारतीय निवेश और वित्तपोषण से निर्मित ईरान में चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के उद्घाटन से अब तक इस बंदरगाह द्वारा अफगानिस्तान को 1,70,000 टन गेहूं की आपूर्ति की है। उपराष्ट्रपति ने यह भी बताया कि जून 2017 में एयर फ्रेट कॉरिडोर के शुभारंभ के बाद से अफगानिस्तान और भारत के बीच 50 से अधिक उड़ानें भरी गई हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्ष तक भारत ने अफगानिस्तान को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की है। सितंबर 2016 में हमारे प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की थी। उन्होंने आगे कहा कि इन सब कार्यों से सितंबर 2017 में "नई विकास साझेदारी" की नींव रखी गई। उन्होंने कहा है कि इस साझेदारी के तहत अफगानिस्तान के 34 प्रान्तों में से 31 में 116 'उच्च परिणामी सामुदायिक विकास परियोजनाओं' का चयन किया गया और कई अन्य बड़ी नई परियोजनाओं की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पूरे एशियाई और यूरेशियन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार, निवेश और संपर्क माध्यम के रूप में उभर सकता है।

अफगानिस्तान के सामने खड़ी चुनौतियों तथा सीमापार से आतंकवादियों को मिलने वाली मदद तथा उनकी आश्रय स्थली जैसे मुद्दों पर चिंता जताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने पडौसी द्वारा आतंकवाद को राज्य के समर्थन की नीति का पुरजोर विरोध करना चाहिए। यह बताते हुए कि वर्ष 2001 से अब तक अफगानिस्तान के लिए पिछला वर्ष अत्यधिक हिंसा का रहा जिसके दौरान 10,000 से अधिक लोगों की मौत हुई जिनमें से 25 प्रतिशत आम जनता से थे, श्री नायडू ने कहा कि हमें आतंकवाद से लड़ने और उनके सुरक्षित आश्रयों तथा अन्य मदद को खत्म करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय सत्यापन तंत्र की स्थापना करने के लिए काम करना चाहिए।

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